Buri Paristhiti me Nirnay Kaise Kare | बुरी परिस्थतियों ने निर्णय करने के तरीक़े

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Buri Paristhiti me Nirnay Kaise Kare | बुरी परिस्थतियों ने निर्णय करने के तरीक़े

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Buri Paristhiti me Nirnay Kaise Kare | बुरी परिस्थतियों ने निर्णय करने के तरीक़े

Buri Paristhiti me Nirnay Kaise Kare

दोस्तों इंसान अपने कार्य को सुचारू व सफल बनाने के लिए अपने दिमाग की बहुत बड़ी शक्ति का इस्तेमाल करता है। उस व्यक्ति का नाम है, निर्णय लेने की शक्ति (Buri Paristhiti me Nirnay Kaise Kare)। इस शक्ति का उचित प्रदर्शन कर व्यक्ति अपने कार्य को सफल आयाम तक पहुंचाते हैं। निर्णय करने में दो चीजों का होना बहुत अहम होता है।

विवेकशील बुद्धि का होना

परिस्थितियों का समय अनुकूल होना

दोस्तों हर व्यक्ति को हर अलग मोड़ पर निर्णय लेने की कसौटी को पार करना होता है। ऐसे में निर्णय तो सभी को लेना पड़ता है सभी अपनी बुद्धि विवेकानुसार व परिस्थितियों को भाप कर निर्णय करना होता है। पर निर्णय के परिणाम पर ही लिए गए निर्णय का मूल्यांकन होता है।

व्यक्ति के लिए सही निर्णय को सही समय पर व प्रतिकूल परिस्थितियों में लेना आसान होता है। पर आपत्ति तो तब आती है, जब बुरी व विपरीत परिस्थितियों में निर्णय करना होता हैं। अब प्रश्न उठता है कि विपरीत परिस्थितियों में निर्णय कैसे लिया जाए।

आइय चार बिंदु से विपरीत परिस्थितियों में निर्णय लेना सीखते हैं…...ये जरुर पढें विपरीत परिस्थितियों को अवसर में कैसे बदले

Buri Paristhiti me Nirnay Kaise Kare
Buri Paristhiti me Nirnay Kaise Kare

                                    1. संयम रख उत्तेजना से दूरी बनाए

दोस्तों जब किसी भी परिस्थिति में निर्णय करना हो तो सबसे पहले अपने आप को उत्तेजित होने से बचाना है। उत्तेजना को अपने भीतर उत्पन्न नहीं होने देना है। क्योंकि उत्तेजना से शुद्ध बुद्धि पर एक परत चढ़ाई जाती है और जिन बातों को ध्यान में रखना होता है वो नहीं रख पाते और उत्तेजनावश  गलत निर्णय होना शुरू हो जाते हैं। अब यह तो आप अच्छी तरह से जानते हैं कि उत्तेजना में लिया गया निर्णय कभी भी सही नहीं होता उससे उल्टा नुकसान ही होता है।

                                   2.अपनी जानकारी को कंफर्म करें

दोस्तों जब निर्णय जल्दी लेना है और वह निर्णय सही भी होना चाहिए इसके लिए जो भी विषय संबंधी, परिस्थिति अनुसार जानकारी आपके पास है उसे पहले कंफर्म कर ले । बिना कंफर्म किए कोई भी निर्णय नहीं ले। मान लो आप को किसी को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाना है तो पहले उस हॉस्पिटल संबंधी जानकारी जैसे डॉक्टर है या नहीं इलाज सुविधा उपलब्ध है या नहीं आदि, को कंफर्म कर ही आगे बढ़ना चाहिए। जिससे समय भी बचेगा और निर्णय गलत भी साबित नहीं होगा।

                       3.अपनी फुर्ति व टेक्नोलॉजी का पूरा उपयोग करें

विपरीत परिस्थितियों में निर्णय को सही साबित करने के लिए खुद का एक्टिव व फुर्तीला होना जरूरी है। साथ ही टेक्नोलॉजी का पूरा उपयोग करना चाहिए। जिससे आप के निर्णय को तुरंत रिजल्ट मिलना शुरू हो जाएगा। दोस्तों आज 21वीं सदी में टेक्नोलॉजी इंसान के पास हो वह शक्ति है जो पहले सिद्ध ऋषि-मुनियों के पास हुआ करती थी। आज 21वीं सदी के हर इंसान के पास है। पहले टेक्नोलॉजी है मोबाइल, इंटरनेट आदि इन सब का सही उपयोग आप के निर्णय में तीव्रता जरूर लाएगा। ये जरुर पढें डर को कैसे दुर करै

                       4.अपने निर्णय में सहयोगी को पूरा सपोर्ट करें

 

जब किसी भी विपरीत परिस्थिति में आपकी कोई सहायता करता है या कोई पूर्ण सहयोगी है तो उसको पूरी ताकत के साथ सपोर्ट करें। जब उस सहयोगी को आप विपरीत समय में भी पूरा एक्टिव देखेंगे तो वह पूरी शिद्दत के साथ आपकी मदद में अपने आप को झोंक देगा। और आपका निर्णय लेना, सहयोग करना सभी एक भावी अच्छे परिणाम में चार चांद लगा देंगे। आपका सहयोग आप के निर्णय को मजबूती तो देगा ही साथ ही आपके खुद में कॉन्फिडेंस को भी बिल्ड करेगा। आप भविष्य में निर्णय लेने में माहिर बन जाएंगे।

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