Husband Wife Relationship ऐसे बनते है पति पत्नी के अच्छे संबंध
Husband wife relationship

Husband wife relationship पति व पत्नी का संबंध जिस्मी संबंधों से ऊपर उठकर देवत्व संबंधों में चर्चित विषय है। यह संबंध सभी प्रथाओं, धर्मों, विचारों, आस्तिक,नास्तिक अन्य सभी में बिना किसी विशेष आग्रह के स्वाभाविक संबंध होता है। जब पति व पत्नी प्रणित सूत्र में बंधते हैं तब इन्हें जीवन जीने के सही तरीके का इस्तेमाल व कुछ बंधनों में बांधा जाता है। ताकि इस संबंध की गरिमा हमेशा बनी रहे इस संबंध में कुछ विशेष बातें होती है l
1. विश्वास का एक मत होना (Be of the faith)
इस पवित्र संबंध में सबसे मजबूत कड़ी है, “विश्वास” जो इस संबंध को देवत्व से जोड़ता है। पति और पत्नी के बीच जो विश्वास होता है, वो विश्वास आदित्य होता है। ये संबंध साक्षात विश्वास की दृश्य मूर्ति है। सदियों से इस संबंध की अनेकों बार व्याख्यान हुआ है।
2. पति-पत्नी का भाग्य (Fortune of husband and wife)
जब से परिणय सूत्र में बंधते हैं, तब से पति और पत्नी का भाग्य इसी संबंध पर निर्भर करता है। जीवन रूपी रथ को चलाने के लिए संबंध रूपी घोड़े इसे आगे ले जाते हैं। पत्नी अपने पति को सर्वस्वय सौंप देती है पति पत्नी को पाकर धन्य होने के साथ-साथ सभी प्रकार की मर्यादाओं में बंधकर इस पवित्र रथ को चलाता है।
3. संपूर्ण जीवन पड़ाव (Whole life halt)
पूरे जीवन में पत्नी अपने पति की एकनिष्ठ भाव से सेवा करती है। इस सेवा का फल उसे इसी जीवन में खुशी का अहसास कराता है। जब जब पति पर कोई विपत्ति आती है तब तब पत्नी इनके साभ खड़ी होकर हिम्मत देती है। यह हिम्मत बहुत बड़ी होती है।
जीवन के सभी अवरोधों को खत्म करने के लिए ही यह संबंध बनाए जाते हैं। इस संसार कि नाव इन संबंधों की पतवार से ही आगे बढ़ती है। इनकी गरिमा समाज को मजबूती देती है यह संबंध ही हैं जो समाज को चरित्रता का पाठ पढ़ाते हैं। इन्हीं की बदौलत समाज एक सूत्र में बंध पाता है।
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