Love Story | लव स्टोरी | Phone Pe ने कर दी सेटिंग | Romantic Love Story
दीक्षा बेहद खूबसूरत और अपने पापा की इकलौती परी थी। उसके पापा बड़े नाजो से दीक्षा की परवरिश किया करते थे। दीक्षा ने 12वीं कक्षा तक की पढाई घर के पास ही बने स्कूल से की। उसका सपना था कि वह एक गवर्नमेंट ऑफिसर (government officer) बने। दीक्षा को कंपटीशन (competition) परीक्षाओं के लिए अकेले ही आना जाना पड़ता था। उसके पापा भी गवर्नमेंट जॉब में थे, तो वे ज्यादा ट्रैवल नहीं कर सकते थे। इसी भागदौड़ भरी पढ़ाई के दौरान दीक्षा को प्यार का चस्का लग जाता है। कैसे वह प्यार के इस जाल में फंसती है आइए पढ़ते हैं, रोमांटिक लव स्टोरी (romantic love story)

दरअसल हुआ यूं दीक्षा को परीक्षा देने दूसरे जिले में जाना था और उसे आज ही पता चला कि जिस गवर्नमेंट वैकेंसी की वो तैयारी तैयारी कर रही है। उसकी परीक्षा कल ही लगने वाली है। उसके पापा ने ट्रेन में रिजर्वेशन तो करवा दिया और कुछ पैसे देकर ऑफिस चले गए। इधर दीक्षा जल्दबाजी में परीक्षा संबंधित दस्तावेज तो करीब सब ले चुकी थी। परंतु पापा के दिए गए पैसे लेना भूल गई। आनन-फानन में रिजर्वेशन होने की वजह से वह ट्रेन में तो बैठ गई। दीक्षा को 4 घंटे का सफर ट्रेन से ही तय करना था। जल्दबाजी में घर से खाना भी साथ लाना भूल गई। अब उसने सोचा क्यों ना स्टेशन पर कुछ लेकर खा लिया जाए। जैसे ही ट्रेन अगले स्टेशन पर रुकी तो दीक्षा ने वेंडर से करीब ₹150 का का खाने का सामान खरीद लिया।
जैसे ही वेंडर को पैसे देने के लिए दीक्षा पर्स चेक करने लगी, तो उसके चेहरे का रंग उड़ने लगा। पर्स में सिर्फ कुछ सिक्के थे और एक ₹10 का नोट रखा था। दीक्षा को याद आया कि पापा के दिए गए पैसे वह पर्स में रखना भूल गई और वह पैसे घर पर ही रह गए। उसे खुद पर काफी गुस्सा आने लगा। इतने में वेंडर ने कहा, “अरे, मैडम जल्दी कीजिए मुझे देरी हो रही है, ट्रेन चलने वाली है।” दीक्षा जल्दी-जल्दी पर्स के सभी जेब करीब 5-6 बार चेक कर चुकी थी। इतने में वेंडर के मोबाइल पर ₹150 का PhonePe मैसेज बजा। वेंडर ने कहा, “मैडम आपके पैसे आ गए।” दीक्षा ने कहा, “अरे भैया क्यों मजाक कर रहे हो, मैं पैसे घर पर भूल गई हूं और अब क्या करूं।” वेंडर ने कहा, “पर मुझे honePe पर आपके ₹150 मिल गए हैं, मैं चलता हूं।”
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दीक्षा सोचने लगी यह कैसे हो सकता है ? भगवान को धन्यवाद करने के लिए अपना सिर ऊपर किया तो एक खूबसूरत सा लड़का फोन पर दीक्षा को PhonePe Payment का स्क्रीनशॉट दिखा रहा था। दीक्षा ने कहा, “क्या मेरे ₹150 आपने Pay किया है? पर, कैसे ?” लड़के ने कहा, “मैं आपको नोटिस कर रहा था तो मुझे वेंडर के थैले पर बारकोड दिखाई दिए मैंने स्कैन कर पेमेंट कर दिया।” लड़का ऊपर की बर्थ से नीचे दीक्षा के सामने वाली सीट पर आकर बैठ गया और कहा, “मैं परीक्षा देने जा रहा हूं। मेरा आज एग्जाम है और जो आपके साथ हुआ वह किसी के साथ भी हो सकता है। मुझे अच्छा लगा तो मैंने पेमेंट कर दिया।” दीक्षा ने लड़के को धन्यवाद किया और कहा, “मैं पैसे जल्दबाजी में घर पर ही छोड़ आई। वैसे मैं भी एग्जाम देने ही जा रही हूं।” दोनों में परीक्षा को लेकर चर्चा शुरू हो गई। संयोग ऐसा रहा कि दोनों का सेंटर पास पास ही था। दीक्षा ने कहा, “आपने अपना नाम नहीं बताया।” लड़के ने अपना नाम “सन्नी” बताया। दीक्षा ने कहां, “ओ ! “सन्नी” that’s Good Name .” दीक्षा ने कहा, मेरा नाम “दीक्षा” है। दोनों के बीच बातें होना शुरू हो गई। तभी दीक्षा ने खाने की सामग्री को सन्नी के साथ शेयर किया और कुछ देर बाद स्टेशन आ गया जहां उन्हें उतरना था।
दीक्षा के पास ऑटो के लिए भी पैसा नहीं थे। रेलवे स्टेशन से करीब 20 मिनट की दूरी पर दीक्षा का एग्जाम सेंटर था। दीक्षा ने कहा, “मेरा एग्जाम सेंटर पास ही है, मैं चलती हूं।” सन्नी को पता था कि करीब इसको वहां पर पहुंचने में 20 से 30 मिनट लगेगा और इतना टाइम हमारे पास नहीं है। सन्नी ने ऑटो बुक किया और दीक्षा को सेंटर पर छोड़कर पास ही सन्नी का एग्जाम सेंटर था। सन्नी ने दीक्षा से कहा, “तुम पैसे की चिंता मत करो तुम एग्जाम खत्म करके बाहर खड़ी रहना मैं तुम्हें लेने आ जाऊंगा।” दीक्षा ने कहा, “ठीक है, मैं आपका इंतजार करूंगी। “
दीक्षा एग्जाम खत्म करके कुछ देर गेट पर इंतजार कर ही रही थी कि सन्नी ऑटो लेकर दीक्षा के पास पहुंच गया और वे साथ-साथ स्टेशन पर वापस आ गए। दोनों ने नाश्ता किया और घर के लिए वापस रवाना होते चले।
रास्ते में सन्नी को नींद आने लगी और दीक्षा जो कि खिड़की के पास वाली सीट पर बैठी थी। तो अपना सिर दीक्षा के कंधे पर रख दिया। दीक्षा को नींद नहीं आ रही थी। उसने सन्नी को अपने कंधे पर सिर रखने दिया और उसके चेहरे को देखने लगी। सन्नी बड़ा ही खूबसूरत लड़का था। दीक्षा मन ही मन प्यार के भाव में खोने लगी। उसको सन्नी द्वारा उसकी मदद करना और मदद करने का तरीका काफी पसंद आया। दीक्षा ने मन ही मन सन्नी को बॉयफ्रेंड बनाने का ख्याल सजाने लगी। इतने में ट्रेन स्टेशन पर रुकी और वेंडरों की आवाज से सन्नी की नींद टूट गई। सन्नी ने देखा कि उसका सिर दीक्षा के कंधे पर है। तो उसने तुरंत उठा लिया और कहा “सॉरी”। दीक्षा ने कहा, “कोई बात नहीं तुम इस कंधे पर सिर रख सकते हो।
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“अब वे दोनों सोए नहीं और बातें करने लगे। दीक्षा ने सन्नी से पूछा, “तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?” सन्नी ने कहा, “नहीं, मैंने कभी इस बारे में सोचा ही नहीं।” दीक्षा ने कहा, “क्या हम आज से दोस्त बन सकते हैं?” सन्नी ने कहा, “बन तो सकते हैं पर दोस्ती में क्या-क्या होता है यह सब मुझे नहीं पता।” दीक्षा ने कहा, “क्या होता है कुछ नहीं बस ऐसे ही एक दूसरे की फीलिंग को शेयर करते हैं और क्या।” सन्नी ने कहा, “हां तो फिर ठीक है।, सन्नी ने दोस्ती के लिए हां कर दी।” दीक्षा ने कहा, “मुझे तुम्हारा फोन पे नंबर दे दो घर जाकर पेमेंट कर दूंगी।” सन्नी ने कहा, “कौन सा पेमेंट? नहीं नहीं दोस्ती में यह सब चलता है।” दीक्षा ने कहा, “अरे, अभी तो पूछ रहे थे दोस्ती में क्या-क्या होता है, और अब मुझे दोस्ती का पाठ पढ़ा रहे हो।” इस बात पर दोनों खूब हंसने लगे दीक्षा ने कहा, “तुम बहुत एडवांस हो।”
देखते ही देखते उनका स्टेशन आ गया। दोनों अपने-अपने घर पहुंच गए और अब दोनों ने फोन पर ही अपनी दोस्ती को जारी रखा। रात रात भर बातें करने लगे धीरे-धीरे दोनों का प्यार जवां होने लगा उन दोनों ने खूब मौज मस्ती करना शुरू कर दिया। दोनों एक ही समाज के थे तो उन्होंने इस दोस्ती को पति – पत्नी के बंधन में मजबूत रिश्ता बना लिया। इन दोनों का प्यार का संगम “फोन पे” के नाम से जाना जाने लगा और इस जोड़ी को सभी लोग फोन पे लव स्टोरी के नाम से पहचानने लगे।
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