Motivational Poem in Hindi 10| हिंदी कवितायें जो जीवन को महत्वपूर्ण बना दे
दोस्तों, Motivational Poem (in hindi). जीवन में उत्साह बहुत महत्व रखता है। और इसे हमेशा के लिए मन में बरकरार रखने के लिए काव्य एक बहुत बड़ा माध्यम है। इस काव्य के माध्यम से ही उत्साह को हमेशा के लिए एक स्थिति में बरकरार रखा जा सकता है। आइए आज हम ऐसे ही 10 मोटिवेशन कविताएं( Motivational Poem ) जो कि हमारे उत्साह को हमेशा के लिए स्तर व ऊर्जावान बनाए रखेगा।
Motivational Poem in Hindi

1 आकांक्षा
जमीन की तपती रेत से उठा मैं Motivational Poem in Hindi
आज शोले में तब्दील हुआ मैं
अंगारे उगले सोच कातिलाना मेरी
फिर भी जुड़ा रहूं जमीन से, यह आकांक्षा मेरी
घुटते दम में जन्म हुआ है मेरा
पर सांसो में आज आंधियां है
आज आये तूफान सोच मात्र से मेरी
झोंकों से एक इंच ना उठे पैर, यह आकांक्षा मेरी
प्यासे कंठों में लिया था जन्म
पानी की बौछार आज घर में
बहे समुद्र संकल्प मात्र से मेरे
बाहाव में एक बूंद ना बहे, यह आकांक्षा मेरी
बंधनों से बंधा था इतने दिन
आज खुला आसमा खुली शेर हर दिन
रहे सदा सरहदें खुली ऐसी ताकत है मेरी
खुले आसमां में मर्यादित रहूं, यह आकांक्षा है मेरी
2. मर्यादाए
आज बदलते युग में धूमिल होते अमर शब्द
पहचान के मोहताज होते सत्य शब्द
मर्यादा व्यवहार में तो क्यों होती नहीं
शब्दों में भी हुई धूमिल यह कैसा समय क्षुब्ध
अहिंसा मर्यादा का परम धर्म है
आज हिंसक बने ठेकेदार मर्यादि
श्री राम उपासक रहे मर्यादा के
नम्रता खोकर ना बन सके मर्यादि
मुख में राम काम ऐसे जो करे लंकेश
करे हानी मान की ऐसा करें कलेश
मर्यादायें समझे नहीं बन रहे उपासक
मर्यादा अब बिक रही कैसे बने शासक
3. हमारे अनमोल विचार
विचारों की शक्ति ना पूछो कायरो से
सोच में मिला प्रकाश विचारों से
अयोग्य से सुयोग्य बनाते हैं सुविचार
प्रखर बनाते हमारे, अनमोल विचार
साधारण मन को देवत्व से मिला दे
जगा प्रचंड शक्ति ना फिर घबराते
अलौकिक प्रकाश आते दूर हो विकार
निर्मल मन बनाते, हमारे अनमोल विचार
सादा होता जीवन उच्च होते विचार
कष्ट ना हो जीवन में ऐसा करें उपचार
बुद्धि पावन कर बन सके अब सलाहकार
सुयोग्य बुद्धि बनाते, हमारे अनमोल विचार
भावनाओं को क्रमबद्ध कर देते
प्यार की गरिमा को यू बड़ा देते
सपने साकार करते हैं ये विचार
सफलतम ही बनाते, हमारे अनमोल विचार
4 एक पल जिंदगी
यू कैसे गुजरे एक पल जिंदगी का
जिसमें ना हो एक पल सादगी का
प्रेम भाव मन में, माहौल हो शरीफों का
एक क्षण ना हो बेकद्र हो समय सदी का
दुख दर्द तकलीफ सहती है जिंदगी
मुस्कुराए तो ही है खास जिंदगी
हंसी पर रखा कर्ज किस बंदगी का
यू कैसे गुजरे एक पल जिंदगी का
मर्यादाओं में बंधी इच्छाओं की जिंदगी
भावनाओं में बहती जज्बातों की सादगी
समय करता परख जीवन पेचेदगी का
यू कैसे गुजरे एक पल जिंदगी का
(Motivational Poem in Hindi)
5 कैसा हो व्यक्तित्व
आया इंसान धरा पर बाडोल व्यक्तित्व लेकर
भविष्य में क्या हो पहचान ये प्रश्न चीन्ह लेकर
सजानी है जिंदगी संभालना है व्यक्तित्व का परिधान
कर्म अकर्म की परिभाषा बने ऐसा हो क्रम विधान
व्यक्तित्व हो आकर्षक बड़ी बने पहचान
शील,निर्मलता मन में मजबूत बने मचान
बच्चे निर्भीक बोले, बड़े करें पहले विचार
गरीबों को दिल में रखे आमिर करे सत्कार
एक वाक्य में हो हजारों शब्दो का दम
निष्पक्ष हो वाक्य बड़े मधुरता ना हो कम
औरों को मिले सीख शास्त्रार्थ प्रमाणित हो शब्द
मंत्रमुग्ध हो सुने सब ना हो जीवन में क्षुब्द
6 सुख-दु:ख प्रतियोगिता
है सुख की चाह दुख ना चाहे कोई
दुख बिना सुख की कदर जाने ना कोई
सुख-दुख समय के तराजू पर है तुलते
वजन है बरकरार ना इधर ना उधर झुलते
दुख का समय सुख की चाहत है रखता
सुखी समय भावी दुख में सताता
सुख की चादर ओढ़ ना हो दुख गुनगुनाता
दुख का समय सुख में ही दरवाजा खटखटाता
आता सूख जाता दुख साथ कभी ना रहते
संग एक दूजे के साथ अकेले कभी ना रहते
रुलाए दुख हंसाए सुख योजना देखो दोनों की
चुपके से आते जाते समय से संगत दोनों की
समय युग में सुख का सूरज ढल रहा है
उदय हो रहा दुख अब नर घबरा रहा है
अब समय संभल कर चलना, समय की डगर पर
सुख-दुख एक प्रतियोगिता चलती रहेगी सगर पर
7 है जंगल का शेर
तू उठे चाहे गिरे यह हिम्मत तेरी
क्यों गिराए दूजा तुझे क्या मजबूरी तेरी
दौड़ने वालों में भी है एक शेयर तू
ना चल चाबुक से, जंगल का शेर है तू
तेरी आजादी गहना तेरे सम्मान का
यूं ही बने गुलाम मौका दे अपमान का
खुद बंधन में बंधा समझे खुद को गेर तू
इशारों से ना डर, जंगल का शेर है तू
कौन डराए तुझे निडरता की निशानी तू
कौन करे क्षीण तुझे है डर का शिकारी तू
डर को डराना है तुझे बन सवा शेर तू
ना भूल झपटना, जंगल का शेर है तू
8 मैं क्यों नहीं कर सकता
मैं स्वस्थ शरीर का माली,दिव्य कृपा प्रभु की
क्यों ना मैं पैरों पर खड़ा हो सकता
कोई नहीं बेड़ियां बांध सके मुझे
तोड़कर बेड़ी खुद को आजाद पंछी
मैं क्यों नहीं कर सकता
मायूसी दुर्विचार नकारात्मकता यह सभी
कुछ नहीं बिगाड़ सकती मेरा
क्यों ना मैं सकारात्मक सोच बना सकता
कोई बुरा विचार अब नहीं दिखा सके मुझे
छोड़ दुर्विचार खुद को स्वविवेकि
मैं क्यों नहीं कर सकता
अब जोश भी है जुनून सिर पर मेरे
कायरता ना टिके पास मेरे
क्यों ना मैं डर को डरा सकता
अब ना कोई डर जोश जुनून से डिगा सके मुझे
छोड़ कायरता खुद को शेर
मैं क्यों नहीं कर सकता
मेरा सपना अरमान मेरा है मंजिल मेरी
सच सपने तक पहुंची यह औकात मेरी
क्यों ना मैं सपनों की सेज सजा सकता
कोई ना कर सके ओझल सपनों से मुझे
छोड़ टूटे सपनों को, जोड़ नये ख्वाब से महल खड़ा
मैं क्यों नहीं कर सकता
9 छोड़ बीती रात को
क्यों तन्हा क्यों फिक्र उस रात की
बिना आराम के क्यों जिक्र उस बात की
बिना नींद सोया उम्र भर उस रात में
छोड़ बीती रात को, चैन से सो गई थी रात में
माना रोना आ रहा पूरी रात में
भरपूर नींद कहना रहा सिर्फ बात में
आंसू पोछ ले अब भोर हो इतनी रात में
छोड़ बीती रात को अंगड़ाई ले इसी रात में
भोर की किरण आजादी इस रात से
नया ख्वाब बना बीती इस रात से
ला होठों पर मुस्कान अस्त होती इसी रात से
छोड़ बीती रात को जोश जगा इसी रात से
तू तो उठ हारना तो है इस रात को
भोर हुई अब जाना है इस रात को
पूरे कर अरमा जो थे अगली रात को
छोड़ बीती रात को जश्न मना अगली दूजी रात को
10. तुझे चलना ही होगा
ना उठ ना गिर ना तांडव कर मन में
ख्वाब जगा ऐसा शक्ति मिले क्षण भर में
टूटे ख्वाब का दर्द सहना ही होगा
नया पथ इतियार कर, तुझे चलना ही होगा
डगर पर चल तू मिले चाहे वो सुनी
ना उतरे अरमानों का सेहरा पथ हो चाहे खूनी
पथ की बाधाओं से तो तुझे टकराना ही होगा
मजबूत कर डगमगाते पांव, तुझे चलना ही होगा
आज ना चला तो कल खून के आंसू रोएगा
देख हारे लोगों को क्या तू आंसू बहाएगा
हारने के डर से तुझे बाहर आना ही होगा
कलेजा निडर बना, तुझे चलना ही होगा
आज रेंगकर भी चल कल वक्त तेरा होगा
आज चाहे हार मिले कल जीत का सेहरा तेरे सर होगा
अपमान सह कर भी तुझे पढ़ना ही होगा
क्रम ज्ञान की मुट्ठी भींच, तुझे चलना ही होगा
(Motivational Poem in Hindi)
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