Motivational Story Hindi जूनून ने बना दिया वेटर से मालिक

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Motivational Story in Hindi
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Motivation, Short Story

           Motivational Story Hindi जूनून ने बना दिया वेटर से मालिक

जूनून ने अजय को बना दिया वेटर से रेस्टोंरेन्ट का मालिक

Motivational Story Hindi

Motivational Story Hindi  दोस्तों कहते हैं, जीवन में चाहे कितनी भी परेशानियां हो, अगर उन्हें कुछ क्षण के लिए अपने से दूर रखकर अगर नयी सोच से काम किया जाए तो हर कार्य सफल हो सकता है। आप की वर्तमान स्थिति कैसी है, यह मायने नहीं रखती, आपको अपने भविष्य में कैसी स्थिति रखनी है, ये मायने रखती है। Inspirational Story in Hindi

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आज एक ऐसी ही कहानी जो प्रेरणा ( Inspiration) भी देती है, साथ ही जुनून में कैसे निर्णय लिया जाये ये भी बखूबी सिखाती हैं।

अजय एक गरीब परिवार से था। पिताजी के पास 4 बीघा जमीन थी। पानी की समस्या के कारण खर्च चलाना मुश्किल था। अजय को लगा अब मुझे गांव छोड़कर शहर में कुछ काम करना चाहिए जिससे घर तो सुचारू रूप से चल सके।

काम की तलाश में अजय शहर में 3 दिनों से भटक रहा था। पर कोई काम नहीं मिला। कुछ दिनों बाद अजय को एक रेस्टोरेंट में वेटर का काम मिल गया। अजय होनहार व जुनूनी था। तो उसने उसी काम को बड़ी शिद्दत के साथ करना शुरू कर दिया।

अजय की लगन देखकर मालिक खुश था। पर अजय की स्पीड देख कर मालिक समझ गया कि अजय ज्यादा दिन नहीं टिकेगा। ये अपना खुद का रेस्टोरेंट खोल सकता है। मालिक राज ने सोचा क्यों ना अजय को इस रेस्टोरेंट का मैनेजर बना दिया जाए। जिससे ये यहीं पर Busy रहेगा और मेरा भी काम हल्का हो जाएगा।           More Motivational Story

अजय को इसी दिन का इंतजार था। क्योंकि अजय के दिमाग में यह साफ चल रहा था। कि मुझे यहां से हर तरह की नॉलेज लेनी चाहिए। अब अजय रेस्टोरेंट का मैनेजर था। मालिक राज कुछ और ही सोच में था, कि अजय अब ज्यादा बिजी है, ये अपने बारे में नहीं सोचेगा।

अजय मैनेजर का काम भी बड़े जुनून के साथ करने लगा। अजय के पास धीरे धीरे कुछ पैसे भी जमा हो गए। अजय ने सोचा क्यों ना मैं अब खुद का रेस्टोरेंट लगा लूँ। मेरी बढ़िया कमाई हो जाएगी। ये अजय का जुनून था। मालिक राज से अजय ने कहा, सर मैं अपना खुद का रेस्टोरेंट खोलना चाहता हूं।

राज ने सोचा अगर अजय छोड़ देगा तो मुझे ऐसा आदमी मिलना मुश्किल है। राज ने अजय से कहा नहीं तुमने इस रेस्टोरेंट को काफी सेवा दी है और अगर तुम अलग करोगे तो जीरो से शुरू करना पड़ेगा। तुम क्यों ना इसी रेस्टोरेंट में पार्टनर बन जाओ। तुम यहां के आधे मालिक कहलाओगे।

परंतु अजय का जुनून था खुद का रेस्टोरेंट लगाने का। राज ने काफी समझाया पर अजय नहीं माना। अजय ने अपने पिताजी को फोन किया और यह सब बातें बताई पिताजी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे। उन्होंने सलाह दी कि बेटा तुम्हें उसी रेस्टोरेंट में काम करना चाहिए क्योंकि तुम्हारी मेहनत रेस्टोरेंट में एक दिन तुम्हें पूरा मालिक भी बना सकती है। वहां पर तुम्हारा पूरा ध्यान लगा रहा है।

अजय ने पिताजी की बात मानते हुये पाटर्नर बनना स्वीकार कर लिया। समय बितता गया और कुछ दिनो बाद कुछ ऐसा ही हुआ।  मालिक राज को कोई औलाद नहीं थी। राज ने कहा बेटा आज से तुम इस रेस्टोरेंट के 90% के मालिक हो। मुझे सिर्फ घर खर्च के लिए 10% बहुत है।अब सब कुछ  तुम ही संभालो।

अजय आज बहुत खुश था और अपने जुनून में बड़ी गलती का शिकार होने से बच गया।

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