Personality Development in Hindi | अब व्यक्तिगत विकास और भी आसान

दोस्तों, जैसे-जैसे समय का रुख बदलता है, वैसे ही मानव स्वभाव में भी परिवर्तन होना स्वभाविक हैं। हमारा स्वभाव कभी भी एक समय में स्थिरता बरकरार नहीं रख पाता। इसमें परिवर्तन की गति चलायमान रहती हैं। आज के समय में परिवर्तन इतना हो चुका है अच्छी बातें,अच्छी आदतें,अच्छे व्यवहार और सहृदय सद्भाव में कमी होती जा रही हैं। हालांकि इंसान यह सभी नहीं चाहता पर यह हो रहा हैं। आइए जानते हैं इसकी कुछ खास वजह और इसे कैसे बदला जाए…(Personality Development in Hindi Top 3 Tips)
1. निरर्थक कार्यों में व्यस्त था Useless Busyness
आज इंसान से समय की घड़ी कितनी तेजी से छुटती जा रही है, कि इसे पकड़ना एक प्रतिस्पर्धा बनी हुई हैं। जिस गति से दौड़ लगाई जा रही हैं। उसके अनुपात में परिणाम नीम्न से भी कम आ रहा हैं। ऐसा क्यों हैं ? इसका मुख्य कारण हैं, व्यक्ति ने अपने जीवन में अधिक समय उन कार्यों में लगाना शुरू कर दिया जिसका परिणाम कुछ नहीं आता। परन्तु क्षणिक व अस्थाई खुशी मिलती हैं। उसके कुछ उदाहरण पेश हैं जैसे:- गेम खेलना, व्यर्थ की राजनीति चर्चा,सफल व्यक्ति में कमी ढूंढना आदि यह समय अगर खुद के विकास में दिया जाए तो हमारा लगाव खुद में बहुत बढ़ने लगेगा।
2.स्वंम परिवर्तन का अभाव lack of Change in Yourself
दोस्त एक बात तो निश्चित है जो जितना सीखता है वह उतना ही आगे बढ़ता हैं। अपने मस्तिष्क कंप्यूटर की अपडेटिंग हमेशा समय-समय पर होनी चाहिए। यह अगर समय पर सही नहीं हुआ तो कभी भी हम अच्छी बातें,आदतो को अपने भीतर नहीं जाने देंगे तो परिवर्तन तो दूर जो हमारे पास पहले से कुछ अच्छा हैं उसे भी खो देंगे। ( Personality Development Tips in Hindi)
इसलिए खुद को बदलने का मतलब यही हैं,अपने आप को सिखाने में कभी कमी नहीं होने देना। हां कुछ समय इस दिशा में कदम उठाने में परेशानी तो आती हैं l पर धीरे-धीरे अगर यह आदत में बदल जाए तो स्वयं परिवर्तन बड़ी बात नही रह जाएगा।
3.नकारात्मक व निरर्थक विचार Negative Thoughts
दिमाग हमेशा अपने कार्य को सही तरह से लगातार करता हैँ। इसका काम यही रहता है कि विचारों का उत्पादन हमेशा होता रहे और यह व्यक्ति के स्वभाव, परिस्थितिक, समय पर निर्भर करता है। उसी के अनुसार काम करता हैं। अब विवेकशील व ज्ञानवर्धक बुद्धि का इस पर मंथन करने का काम हैं। मंथन से निकले विचारो से कार्यों की रूपरेखा बनती हैं। और Self Confidence बढ़ता हैं। जो व्यक्ति अपने भीतर कुछ सकारात्मक भाव परिवर्तन चाहता हैं, तो उसे अपने विवेक के अनुसार निरर्थक विचारों पर पाबंदी लगाना जरूरी हैं। तब जाकर सही सोच का प्रादुर्भाव संभव हो पाएगा और व्यक्ति की रूचि अच्छी चीजों में लग पाएगी l स्वयं के भीतर बदलाव को देख पाएंगा।
MORE READ
अपने जीवन को बेहतर बनाये और अपडेट रखें। | ये वेबसाइट आपको नया देने का वादा करती है। |
Content Summary/ Short Index | Content Links |
Trending News | Please Click Here |
Interesting Facts | Please Click Here |
Love:- Poem, Story, Quotes | Please Click Here |
Relationship:- Story, Quotes | Please Click Here |
LifeStyle | Please Click Here |
Motivation:- Story, Quotes, Poem, | Please Click Here |
Quotes:- Motivation, Love, Life, Other | Please Click Here |
Personality Development | Please Click Here |
Success Story | Please Click Here |