Romantic Story | Love Actually | विधवा अध्यापिका और स्टूडेन्ट का ड्रामा लव

Romantic Story | Love Actually | विधवा अध्यापिका और स्टूडेन्ट का ड्रामा लव

ये कहानी एक अनुठे प्यार की दास्ता को उजागर करती हैं। एक स्टूडेन्ट ने विधवा अध्यापिका को सहारा इस कदर दिया की प्यार एक अमिट Romantic Story ही बन गई।Romantic Moment

Love Acutally राधिका एक गवर्नमेंट अध्यापिका है। साथ ही बेहद खूबसूरत भी। उम्र करीब 33 वर्ष के आस पास रही होगी । राधिका की पोस्टिंग अपने जिले के आखिरी छोर पर सरकारी स्कूल में थी। राधिका इन दिनों काफी रूखी – रूखी लग रही थी। उसे शायद कुछ याद आ जाता और वो मायूस हो जाती |

दरअसल राधिका की शादी को करीब 8 वर्ष पूरे हो चुके थे। उसके पति एक प्राइवेट कंपनी में काम किया करते थे। एक दिन में शाम को घर लौट रहे थे कि उनका एक्सीडेंट हो गया था। और वो अब इस दुनिया में नही रहे। राधिका काफी दुखी रहने लगी और यह घटना शादी के ढाई साल बाद ही हो गई |

राधिका को अपनी नौकरी कर जीवन जीना पड़ रहा था हालांकि सरकारी नौकरी थी। परंतु उन्हें घर से दूर रहना पड़ रहा था। गांव में किसी के मकान पर कमरा लेना पड़ा और वह अकेले रहने लगी। मकान मालिक के घर में एक लड़का ओर रहता था। जिसका नाम अशोक था। वह अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा था। इसीलिए वह भी अकेला उसी घर में कमरा किराए पर लेकर रह रहा था। अशोक की उम्र करीब 26 वर्ष थी। अशोक दिल से काफी संवेदनशील था। अपने काम से काम रखता था और किसी से फालतू बातें नहीं करता था |

राधिका व अशोक दोनों एक ही मकान मालिक के घर में रहते थे | एक दिन सुबह अशोक को कुछ रोने की आवाज सुनाई दी . अशोक ने राधिका के कमरे की तरफ कभी कदम भी नहीं रखें। परंतु रोने की आवाज ने उसे खींच लिया। वह राधिका के कमरे में जाकर देखता है तो राधिका अपने पेट को पकड़े रो रही थी। अशोक ने तुरंत राधिका को पूछा मैडम आपको क्या हुआ, आप रो क्यों रहे हो ? राधिका ने कहा मुझे पेट दर्द हो रहा है। मेरे पास कोई दवा भी नहीं है। तो अशोक ने कहा आप घबराइए मत मैं आपको हॉस्पिटल लेकर चलता हूं।

अशोक की बात राधिका को अच्छी लगी और दोनों हॉस्पिटल जाते हैं। राधिका अब कुछ देर बाद आराम की सांस ले रही थी। अशोक ने कहा, “मैडम आप यहां पर अकेले रहते हैं और आप से यहां पर कोई मिलने भी नहीं आता . आपकी फैमिली में सब ठीक तो है ना।” राधिका ने कहा, “नहीं, मेरी खुशियां शायद भगवान को मंजूर नहीं है। वह मुझे खुश नहीं देखना चाहते .आज से करीब 4 साल पहले मेरे पति को इन्होंने मुझसे छीन लिया। मैं तो यहां पर नौकरी करके अपना गुजारा कर रही हूं |” दोनों अपने कमरे पर वापस लौट जाते हैं |

अशोक को बहुत ही बुरा फील होता है। परंतु अशोक और राधिका कीअब दोस्ती हो चुकी थी। राधिका को कोई भी तकलीफ होती, तो अशोक तुरंत उनकी मदद करने को तैयार रहता। धीरे-धीरे दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। यहां तक ठीक था। परंतु एक दिन अशोक और राधिका शॉपिंग करने बाजार चले जाते हैं | अशोक को राधिका अच्छी लगने लगी और राधिका के मन में ऐसा कुछ नहीं था।

राधिका, अशोक को अपना एक दोस्त मानती थी। राधिका एक दुकान पर कुछ खरीद रही थी। तभी उसके मुंह से निकल गया,मुझे सिंदूर भी दो। दुकान वाले ने सिंदूर दिया, राधिका ने उस डीबिया को वापस कर दिया। बोली मुझे यह नहीं चाहिए . यह सब अशोक भी देख रहा था । वे दोनों वापस घर लौट जाते हैं | अशोक को वह बात वापस याद आने लगी और रात में कुछ सोचते सोचते सोया ही नहीं | Romantic Love Story

सुबह अशोक राधिका के कमरे में जाकर राधिका से कहता है, “मैडम मैं एक बात आपसे कहूं आप बुरा तो नहीं मानोगे।” राधिका ने कहा, अरे, “इसमें बुरा क्या मानना तुम कहो क्या कहना है।” अशोक ने कहा, “मैडम आप दूसरी शादी क्यों नहीं कर लेते . मुझसे आपका यह अकेलापन देखा नहीं जाता।” अशोक की बात सुनकर राधिका चुप हो जाती है। अशोक कहता है, “अगर आप चाहे तो मैं आपसे शादी कर लेता हूं। परंतु मैं अभी बेरोजगार हूँ और कुछ दिनों में जॉब करने लगूंगा|” अगर आपको सही लगे तो आप मुझसे शादि कर लीजिए | राधिका कुछ बोलते हुए कहती है, “अशोक शायद तुम्हें मेरी उम्र का अंदाजा नहीं है| मैं आपसे करीब सात वर्ष बड़ी हूं और तुम मुझसे शादी क्यों करना चाहते हो ?”

अशोक कहता है, “आपको खुश देखना चाहता हूं और आपकी मायूसी मुझे अच्छी नहीं लगती। आप उम्र पर मत जाइए मुझे आपसे प्यार हो गया है। आप मुझे निराश मत करना प्लीज|” राधिका के मन में अशोक की बातों का गहरा सम्मान था | उसने कहा, “मैं कुछ सोच कर जवाब दूंगी।” अशोक ने उस दुकान से सिंदूर की डिबिया खरीद ली थी और चुपके से राधिका के कमरे में रख दी।

दो दिन बाद राधिका अशोक के कमरे में आती है। इसके पहले वह अशोक के कमरे में कभी नहीं आई थी। अशोक राधिका को देखकर बड़ा खुश होता है, और राधिका को बैठने के लिए कहता है। राधिका अशोक से कहती है, “क्या तूम मेरे हमसफर बनोगे?” अशोक तुरंत हां बोलता है | वो कहती है, “मैं तुमसे सात वर्ष बड़ी हूं क्या यह तुम्हें अच्छा लगेगा?” अशोक कहता है, “मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।” वह कहती है मैं विधवा भी हूं।” अशोक कहता है, “इसमें आपका कोई कसूर नहीं है|” यह सुनकर रुचिका मनोज को गले लगा लेती है। और दोनों में अपने जीवन को जीने का मार्ग अपना लिया | दो दिन बाद मंदिर में जाकर दोनों ने शादी कर ली और खुशी से रहने लगे |

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