Self Love | Personality Development Tips | ख़ुद से प्यार करने के तरीक़े व फ़ायदे

b l kumawat

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Self Love | Personality Develop Tips
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Self Love | Personality Development Tips | ख़ुद से प्यार करने के तरीक़े व फ़ायदे

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Self Love | Personality Development Tips | ख़ुद से प्यार करने के तरीक़े व फ़ायदे

Self Love
 दोस्तों, आज का आर्टिकल  Self Love ( ख़ुद से प्यार ) टॉपिक पर होने जा रहा है। जिसे हर व्यक्ति अपने जीवन में करना तो चाहता है। पर कहीं ना कहीं कर नहीं पा रहा है। मतलब ये की जो व्यक्ति ऐसा करने में कामयाब हो जाता है। तो वह काफी लोगों का आइडियल बन जाता है। जो व्यक्ति खुद से प्यार (Self Love) करता है। तो दुनिया भी उससे प्यार करती है। तथा जो हर वक्त खुद को कोसता है, खुद को डराता है, खुद से प्यार नहीं नफरत करता है। वो दुनिया के प्यार के लाइक नहीं होते। उन्हें कभी भी सफलता नहीं मिल सकती। Personality Development Tips

 दोस्तों, यह Self Love  आर्टिकल स्वामी विवेकानंद जी (Swami Vivekananda) के द्वारा बताए गए विचारों पर ही आधारित है। इसलिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और अपनी प्रतिक्रिया जरुर दें।

 स्वामी जी कहते हैं:-  “प्यार सफलता की पहली सिद्धि है। अगर सफल बनने का इरादा कर ही चुके हो, तो इसे खुद पर आ जाओ। मतलब खुद से प्यार करना शुरू कर दो।”

दोस्तों, स्वामी जी के द्वारा बताए गए खुद से प्यार कैसे करें? प्यार का खुद पर क्या प्रभाव पड़ेगा? यह आप कुछ महत्वपूर्ण बिंदु से जानने वाले हैं। दोस्तो एक इंसान जो दूसरों को देखकर कामयाबी के पीछे दौड़ रहा है। परंतु यह नहीं जानता कि सामने वाले ने दौड़ने से पहले क्या तैयारी की है। बस उसके पीछे दौड़े जा रहा है। दौड़े जा रहा है। बात कड़वी है। पर सच है। भारत में लगभग 90% लोग सिर्फ दूसरों को देखकर ही दौड़ रहे हैं। चंग 10% लोग अपनी कामयाबी की दौड़ स्वयं तय करते करते हैं। उन्होंने दौड़ने की तैयारी खुद की है। अगर आज से आप भी खुद के रास्ते पर दौड़ना चाहते हैं, तो दो काम आज से ही शुरु कर दो>>>

 स्वास्थ्य को निरोगी रखें Keep health healthy

 दोस्तों, कामयाबी के शिखर पर पहुंचना है। तो बीमार और रोगों से ग्रस्त शरीर से आप कभी भी कामयाबी की दौड़ पूरी नहीं कर पाओगे। इस शरीर का इस्तेमाल नहीं कर पाओगे। किसी ने सही कहा है “दुनिया का सबसे बड़ा और पहला निरोगी काया ही होता है” इसलिए, आज से ही स्वास्थ्य और निरोगी रहने के लिए जो कुछ आप कर सकते हैं। जैसे कदम आप उठा सकते हैं। वह आज से ही उठाना शुरू कर दें। आज वर्तमान समय में कोरोना ने उन्हीं लोगों को झगड़ा है, जो कामयाब तो होना चाहते थे। परंतु, जिस गाड़ी में बैठकर सफर कर रहे थे। उसकी कभी सर्विस ही नहीं करवाई।

 क्रोध को त्यागे और समझदार बने Quit anger and be wise

 दोस्तों, क्रोध anger इंसान को राक्षस प्रवृत्ति की ओर ले जाता है। सोचने समझने की शक्ति को क्षीण कर देता है। चाहता कुछ और है। इंसान करता कुछ और है। बुद्धि स्तर नहीं रहती। अब आप ही सोचो ! क्या क्रोध करना हमारे लिए सही है। दोस्तों, स्वामी जी कहते हैं:- “क्रोध से दुर्बलता आती है। नैतिकता क्षीण होती है। कायरता बढ़ती है। विचार दूषित होते हैं। क्रोध अच्छी बुद्धि पर भी पर्दा डाल देता है।”

 दोस्तों, आपके कदम खुद को समझदार बनाने की दिशा में हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए। खुद को ज्यादा से ज्यादा ज्ञान अर्जित करने की दिशा में आगे बढ़ाना हैं। खुद के ज्ञान से प्यार करें। खुद को हमेशा कुछ ना कुछ सिखाते रहे।  दोस्तों, खुद से प्यार करने के जो चमत्कारी प्रभाव आपके जीवन में देखने को मिलेंगे। उससे आप सोच भी नहीं सकते आप को कितनी खुशी मिलेगी। खुद से प्यार करने की प्रवृत्ति आपने खुद में विकसित कर ली तो। कभी आप अपनी नजरों में नहीं गिरोगे। सम्मान के साथ जीना सीख जाओगे। खुद से प्यार करने की प्रवृत्ति से जीवन में सबसे बड़ा जो प्रभाव पड़ेगा वह है:-

आत्मविश्वाश बढ़ने लगेगा Confidence will start increasing

 दोस्तों, स्वामी जी कहते हैं:- “जो काम आप डरकर, सहम कर, प्रताड़ित होकर, चुप-चुप के 5 साल में पूरा करोगे। वही काम कॉन्फिडेंस से मिलने वाली शक्ति से मात्र 6 माह में कर लोगे। हमारे जीवन में कॉन्फिडेंस कितना कीमती है। इस बात का अंदाजा आप इस विचार से लगा सकते हैं। दूसरा प्रभाव>>>

जैसी चाहत वैसी सफ़लता Success as you wish

 दोस्तों, स्वामी जी कहते हैं:- “अगर खुद से प्यार करते हुए आज जिस भी काम को करोगे वह काम आपको मनचाही सफलता तक जरूर ले जाएगा।” इसलिए दोस्तों  खुद से प्यार करना एक बहुत बड़ी कला है। इस कला का तो खुद प्रभु भी स्वागत करते हैं। जो इंसान खुद से प्यार करता है। परमात्मा  उसके हर कार्य को अपना समझ के करते हैं। खुद से नफरत करके ना तो आप खुद के लिए अच्छा कर सकते हैं। ना ही अपने काम में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। इसलिए प्यार करो मस्त रहो।

 

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