100+ Yoga Par Dohe | योग पर शायरी, कविता, गीत | योग दिवस पर दोहे हिंदी व संस्कृत में

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yoga Par Dohe
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100+ Yoga Par Dohe | योग पर शायरी, कविता, गीत | योग दिवस पर दोहे हिंदी व संस्कृत में

Yoga Day, Yoga Diwas

21 जून 2023 को पूरे विश्व में 9वा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। जहा पूरा विश्व सामूहिक रूप से योगासन करके सभी लोगो को योग के लिए Motivate करेगा। ऐसे में अगर आप चाहे तो इस उत्साह के मौके पर “योग पर दोहे” भी अपनों के साथ Share कर सकते है। या आप चाहे तो इसे संदेश के रूप में भी भेज सकते है। तो इस आर्टिकल के जरिए हम आपको Yoga Par Dohe के अतिरिक्त योग पर शायरी, (Yoga Par Shayari) योग पर कविता (Yoga Par Kavita) योग पर गीत और इसके साथ ही योग पर संस्कृत श्लोक भी प्रस्तुत करेंगे हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख आपको बहुत पसंद आएगा। तो चलिए शुरू करते है….

योग पर दोहे हिंदी में

सेहत खजाना होए,यज्ञ कर ले कछु योग
तन मन सुदृढ़ होए रे , नित्य करे जो योग ।।

तीस मिनट के योग से सदा रहोगे मस्त
योग निरंतर जब करें, रोग सभी हो ध्वस्त।

भीतर बाहर के सभी,अंग रहे मजबूत
 दूर सभी डॉक्टर रहे देता योग सबूत।

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नष्ट रोग जड़ से करें,योग करे जब वार
कांति चेहरे की बढ़े ,करता दूर विकार।

बालपन से योग करे ,निरोग रहे ये तन
स्वास्थ्य है धन से ऊपर,आए खुशी आंगन।

बुढ़ापा योग से डरे,चुस्त दुरुस्त सेहत,
सौ साल की उम्र हो फिर ,वर्षा दे नसीहत।

सौ रोगों की एक दवा ,इसका नही विकल्प
प्राणायम रोज करे ,करो अभी संकल्प ।।

योग पर शायरी | Yoga Par Shayari

 आप Yoga Day के अवसर पर यदि किसी को “योग पर शायरी “के माध्यम से भी शुभकामनाएं देना चाहते है। तो हम आपके लिए लेकर आए है शेर और शायरी से भरे हुए शुभकामनाएं मैसेज जिसके जरिए आप अपने परिचितों के साथ साथ अपने दोस्तो और Family Members को भी शुभकामनाएं सकते है। तो चलिए शुरू करते है ।

Yoga Shayari 

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 21 जून 2023 को अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जा रहा है ,ऐसे में हर तरफ योग को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। अधिकांश लोग ऐसे भी है जो अपने परिचितों को या अपने दोस्तो को योग पर संदेश देकर उन्हें प्रेरित करना चाहते होंगे। तो बस उन्ही लोगो के लिए आज हम “Yoga Shayari” पेश करने जा रहे है, जिसे आप अपनी को भेजकर उन्हें Yoga के लिए Motivate कर सकते है। अगर “Yoga Shayari”आपको पसंद आए तो इसे share करना बिल्कुल न भूले .

Yoga Shayari in Hindi

स्वयं को बदलो जग बदलेगा 
योग से सुखमय हर दिन बदलेगा

जिसने योग को अपनाया 
उसने रोग को हमेशा के लिए दूर भगाया

योग है स्वास्थ्य के लिए क्रांति 
नियमित योग से जीवन में हो सुख शांति।

स्वास्थ्य जीवन जीना जिंदगी की जमा पूंजी
योग करना योगमुक्त ,जीवन की कुंजी।

जो स्वस्थ नही वो बीमार है .
उसकी हर जीत सिर्फ एक हार है।

योग करने से आता है इम्यूनिटी में सुधार 
फिर शरीर कभी नही पड़ता है बीमार।

योग दिवस पर कविता | Yoga Diwas par Kavita

Yoga करना कितना आवश्यक है ये तो हम सभी जानते ही है। लेकिन कई बार हम लोग अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना भूल जाते है . जो कि हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है। तो योग दिवस के मौके पर हम आपके सामने” योग दिवस पर कविता (Poem on Yoga) प्रस्तुत कर रहे है। जिसे आप चाहे तो अपने दोस्तो के साथ Share कर सकते है। आप चाहे तो इसे PDF Format में भी डाउनलोड कर सकते है। 

Poem On Yoga

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको योग दिवस पर कविता प्रस्तुत करने जा रहे है ।आप चाहे तो Poem On Yoga को PDF format में भी डाउनलोड कर सकते है। बस आपको नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करना है। 

“प्यारे बच्चो रोज करो तुम योग 
जल्दी उठकर व्यायाम 
मन का भी होगा विकास
शक्ति मिलेगी शरीर को ।
आलस का न रहेगा नाम
शरीर में आएगी फुर्ती
तंदुरुस्त बन जाओगे तुम
बीमारी नहीं आएगी पास।”

Poem On Yoga in Hindi

योग कर अपने को निरोग करे 
अपने जीवन का सदुपयोग करे। 
योग से बने सुंदर काया
इससे बने सुदृढ़ छाया।
योग कर मन स्वच्छ बनाए 
करे योग तन स्वस्थ बनाए 
योग करने पर ना होता कोई धन खर्च
लगाओ आसन ,करो इन पर समय खर्च।
योग धर्म नही यह तो विज्ञान है 
निरोगी काया इसकी पहचान है। 
सदा सुखमय जीवन वहा है बिताता
जीवन में योग को है जो अपनाता ।
वरदान समझ जो है योग करता 
आलस भी है उससे है दूर भागता 
जो प्रतिदिन करते है योग 
ना पड़ते बीमार रहते निरोग ।
चूसती फुर्ती में रहते आगे ,
आलस सदा है उससे भागे 
मन लगाकर करते जो कोई ध्यान
सुखी बने जीवन पाते सच्चा ज्ञान।
निरोगी काया के खातिर योग करे ।
सब मिल लोगो को जागरूक करे।

Yoga Day Kavita

भारत की शान है योग
गीता, वेद ,पुराण है योग।
सबका कल्याण है योग 
भारत की जान है योग।
संस्कृति की आन है योग
प्रकृति का वरदान है योग 
शरीर की स्फूर्ति है योग 
वीरो की शक्ति है योग ।।
निरोगता का राज है योग 
मन की एकाग्रता है योग।
संतो की साधना है योग 
सफलता की पूंजी है योग ।।

Poem in Yoga Day

सुबह सवेरे सब योग करेंगे ।
आज करे प्रण आओ बच्चो 
योगासन है भांति भांति के
सीखो और सिखाओ बच्चो।।
स्वस्थ हवा में साफ जगह पर 
गहरी गहरी सांसे लेंगे 
पद्मासन या ताड़ासन हो।
तन मन में उर्जा भर देंगे ।
कभी खड़े हो कभी लेट कर
कभी बैठ करते आसन 
रोज रोज अभ्यास करे तो 
कष्टों को हरते योगासन। ।
ऋषि मुनियों की देन योग है 
जीवन रहे निरोगी बच्चो
सारी दुनिया ने माना है 
योग बड़ा उपयोगी बच्चो ।

योग पर गीत | Yoga Par Geeta

योग दिवस के मौके पर आप चाहे तोअपने भाषण में योग पर गीत भी प्रस्तुत कर सकते है। आप अगर School Student है या फिर college student दोनो के लिए ही यह गीत अतिउपयोगी हो सकता है। तो चलिए शुरू करते है आपके सामने “योग पर गीत”…..

योग में नहीं रंग या रूप।
जाति या धर्म देश का भेद। 
सभी है परम पिता के पुत्र ।
देखता योगी सदा अभेद।
धनी निर्धन निर्बल बलवान ।
याकि मसीजीवी श्रमिक किसान ।
योग को दे जीवन में स्थान।
ताकि हम सब का हो उत्थान।
ताकि हम सब का हो उत्थान।
योग है मानव को वरदान
योग है मानव को वरदान।

Yoga Par Geet

तन मन जीवन चलो सवारे
योग मार्ग अपनाएं ।
वैर भाव को त्याग सभी हम
गीत मिलन के गाए
आनंदमय हो जीवन सबका
योग्य यही सिखलाए
हो तनाव भयमुक्त सभी जन
दिव्य प्रेम सरसाय।
यम और नियम हमारे संबल
सुखमय जगत बनाए 
आसन प्राणायाम ध्यान से
स्वास्थ्य शांति सब पाएं।
ऊर्जावान बने सब साधक
संशय सभी मिटाएं
विश्व एक परिवार योग कर
 स्वर्ग धरा पर लाए।।
योग पर संस्कृत श्लोक

Yoga Sloka in Hindi | योग पर संस्कृत श्लोक

योग दिवस के इस खास मौके पर हम आपके लिए लेकर आए है “योग पर संस्कृत श्लोक।“योग और व्यायाम से जुड़े इन श्लोकों का संकलन आपको जरूर पसंद आएगा । तो चलिए शुरू करते है ….

Yoga Sloka in Sanskrit

योगस्थः कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय ।
सिद्ध्यसिद्ध्योः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते ॥

हे धनंजय! तू आसक्ति को त्यागकर तथा सिद्धि और असिद्धि में समान बुद्धिवाला होकर योग में स्थित हुआ कर्तव्य कर्मों को कर, समत्व (जो कुछ भी कर्म किया जाए, उसके पूर्ण होने और न होने में तथा उसके फल में समभाव रहने का नाम ‘समत्व’ है।) ही योग कहलाता है। 

तपः स्वाध्यायेश्वरप्रणिधानानि क्रियायोगः॥
तपः, स्वाध्याय, ईश्वर-प्रणिधानानि, क्रिया-योग: ॥

तप, अध्यात्मशास्त्रों के पाठन-पाठन और ईश्वर शरणागति- ये तीनों क्रिया योग हैं।

योगेन चित्तस्य पदेन वाचं
मलं शरीररस्य च
वैद्यकेन योपकारोत्तम प्रवरम मुनिनाम
पतंजलिम् प्रांजलिरणतोस्मि

वह जो योग द्वारा मन की अशुद्धियों को शुद्ध करता है , वाणी व्याकरण द्वारा  चिकित्सा विज्ञान के माध्यम से शरीर की अशुद्धियों को शुद्ध करता है।वह जो अशुद्धियों को दूर करने में विशेषज्ञ है, मुनियों के उस सबसे उत्कृष्ट को मैं ऋषि पतंजलि को हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं ।

श्रमक्लमपिपासोष्णशीतादीनां सहिष्णुता ।
आरोग्यं चापि परमं व्यायामदुपजायते ॥

Yoga Day Slok in Sanskrit

श्रम थकावट ग्लानि  प्यास शीत  उष्णता आदि सहने की शक्ति व्यायाम से ही आती है और परम आरोग्य अर्थात् स्वास्थ्य की प्राप्ति भी व्यायाम से ही होती है ।

यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार,
धारणा, ध्यान, समाधय: अष्टौ अङ्गानि।

सिद्धांत, व्यक्तिगत अनुशासन, मुद्राएं, जीवन शक्तियों पर नियंत्रण, संवेदना, ध्यान केंद्रित एकाग्रता, ध्यान, और प्रबोधन योग के आठ अंग हैं।

शरीरोपचयः कान्तिर्गात्राणां सुविभक्तता ।
दीप्ताग्नित्वमनालस्यं स्थिरत्वं लाघवं मृजा ॥

व्यायाम से शरीर बढ़ता है । शरीर की कान्ति वा सुन्दरता बढ़ती है । शरीर के सब अंग सुड़ौल होते हैं । पाचनशक्ति बढ़ती है । आलस्य दूर भागता है । शरीर दृढ़ और हल्का होकर स्फूर्ति आती है । तीनों दोषों की शुद्धि होती है।

व्यायामं कुर्वतो नित्यं विरुद्धमपि भोजनम् ।
विदग्धमविदग्धं वा निर्दोषं परिपच्यते ॥

व्यायाम करने वाला मनुष्य गरिष्ठ, जला हुआ अथवा कच्चा किसी प्रकार का भी खराब भोजन क्यों न हो, चाहे उसकी प्रकृति के भी विरुद्ध हो, भलीभांति पचा जाता है और कुछ भी हानि नहीं पहुंचाता ।

हमे आशा है की हमारे द्वारा इस लेख के माध्यम से योग पर दिए गए श्लोक ,योग पर कविता , योग पर गीत,योग पर दोहे आपको जरूर अच्छे लगे होंगे ,अगर आपको इनमे से कोई भी दोहा या कविता या शायरी पसंद आई है  तो  please इसे अपने दोस्तो के साथ share करना ना भूले।

FAQ’s Yoga Par Dohe

Q. योग पर एक दोहा लिखे?

Ans. सेहत खजाना होए,यज्ञ कर ले कछु योग

तन मन सुदृढ़ होए रे , नित्य करे जो योग।।

Q. Yoga पर एक संस्कृत श्लोक अर्थ सहित बताए?

Ans  यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार,

         धारणा, ध्यान, समाधय: अष्टौ अङ्गानि।

अर्थ : सिद्धांत, व्यक्तिगत अनुशासन, मुद्राएं, जीवन शक्तियों पर नियंत्रण, संवेदना, ध्यान केंद्रित एकाग्रता, ध्यान, और प्रबोधन योग के आठ अंग हैं।

Q. International Yoga Day कब मनाया जाता है?

Ans. 21 जून को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है ।

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