

Ranjeet Saket BHU संस्कृत भाषा में फ़िल्मी गानों का जादू “तेरी आंख्या का यो काजल”
Ranjeet Saket BHU संस्कृत भाषा में फ़िल्मी गानों का चलाते रणजीत साकेत
दोस्तों जब हुनर खुद में छिपा होता है तो इंसान का भटकाव तय है। और हुनर जाग जाये तो इंसान को अपनी पहचान बनाने में देर नहीं लगती।


Ranjeet Saket BHU
Ranjeet saket रंजीत साकेत काशी में हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत संकाय के छात्र हैं। इंद्रजीत साकेत बचपन से ही दृष्टिबाधित है। परंतु परमात्मा ने इनसे एक चीज छिनी है, तो आवीज में कला का भरपूर तोहफा दिया है। रंजीत साकेत मिमिक्री आर्टिस्ट के रूप में भी जाने जाते हैं। हाल ही में रंजीत साकेत ने फिल्मी गानों का संस्कृत वर्जन निकाला है। रंजीत साकेत के संस्कृत गाने सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहे हैं। इंद्रजीत साकेत किसी भी गाने को उसी की तर्ज में संस्कृत में बड़ी सुंदरता के साथ सुनाते हैं। लोग संस्कृत संगीत को काफी पसंद कर रहे हैं। और मोटिवेशनल कहानियों के लिए यहाँ क्लिक करें
इंद्रजीत साकेत मध्य प्रदेश के रीवा जनपद के भलुहा गांव के निवासी हैं। रंजीत साकेत एक बेहद ही गरीब परिवार से है। इनके पिता जी राजमिस्त्री का काम किया करते हैं। इंद्रजीत जन्म से ही दृष्टि बाधित होने की कारण इनके पिता ने काफी संघर्ष किया। जैसे-जैसे इंद्रजीत बड़े होने लगे तो इनकी आवाज का जादू चलने लगा। इंद्रजीत किसी भी जानवर की आवाज हुबहू निकालते हैं। इनकी आवाज को सुनकर उनके माता-पिता और सभी गांव वाले हैरान थे। इंद्रजीत ने अपनी पढ़ाई दृष्टिबाधित विद्यालय से ही की और अब वह संस्कृत से b.a. कर रहे हैं। इंद्रजीत मिमिक्री में अपनी खास पहचान रखते हैं। इंद्रजीत के करीबी अविनाश मिश्रा और अन्य सहपाठी द्वारा इंद्रजीत को हमेशा मोटिवेट किया गया। इंद्रजीत संस्कृत भाषा के शिक्षक बनना चाहते हैं ताकि वह देव भाषा को ज्यादा से ज्यादा फैला सकें। गाने का वीडियो देखें
इंद्रजीत अपने संस्कृत भाषा का प्रचार करने के लिए उन्होंने फिल्मी गानों को संस्कृत भाषा में गाना शुरू किया और यह गाने श्रोताओं को काफी पसंद भी आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर इनके गाने तेजी से वायरल हो रहे हैं।