Romantic Love Stories in Hindiएक अनोखा प्यार

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Romantic Love Stories in Hindiएक अनोखा प्यार

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 दोस्तों आपने प्रेम की बहुत सी कहानियां सुनी होगी पढी होगी पर आज एक ऐसी कहानी जो प्रेम की प्रकाष्ठा को नया मोड़  देगी आइए रूबरू होते हैं इस अनोखी प्रेम कहानी से(Romantic)

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एक समय महात्मा बुध को एक वैशाली नाम की वेश्या (गणिका) प्रेम से अपने घर पर भिक्षा लेने का न्योता देती है। तभी उनके सभी अनुयायियों  ने इसको बड़ा  निर्लज्ज बताया । और कहा,”ये बुध की छवि को खराब कर  देगी।”परंतु   महात्मा बुध ने उसका निमंत्रण स्वीकार कर दिया। क्योंकि एक स्त्री अपने कर्म से गणिका हो सकती है। परंतु उसकी भावना, उसका मन, उसकी प्रभु को पाने की चेष्टा कभी वेश्या नहीं हो सकती।

राकेश अपने ऑफिस से घर जा रहा था। उसके घर तक ऑटो की जरूरत होती थी। वह ऑटो में बैठ कर उसी रास्ते से जाता है, जहां पर अनेक लड़कियां जिस्म का कारोबार करती थी। राकेश उन सभी लड़कियों को देखता l वो सभी राकेश को बुलाने की कोशिश करती। परंतु एक लड़की कभी भी उसे नहीं बुलाती थी। राकेश  उस लड़की को हर रोज देखता और अपने घर चला जाता । वो लड़की ऐसे दिखाई देती थी, जैसे उसे किसी दलदल में फंसा दिया गया हो। वो हमेशा वहां से निकलने के भाव मुंह पर लेकर बाहर देखी रहती थी। राकेश भी उसे हर रोज  देखने लगा।

एक दिन राकेश ऑफिस से जल्दी घर को निकला, तब वो लड़की वहां पर नहीं थी। राकेश थोड़ा रुका भी, पर वो नहीं दिखी। राकेश  कुछ सोचता हुआ आगे बढ़ जाता है। दो-तीन दिन तक राकेश देखता रहा पर वो लड़की नहीं देखी। तो वो हिम्मत कर उस घर में चला गया।  राकेश को उस लड़की का नाम तो नहीं पता था।उसने उसके हाव-भाव को बताते हुए उसके बारे में पूछा। उस लड़की की एक दोस्त ने कहा, “वो अभी दो-तीन दिन से किसी ग्राहक के यहां से आने के बाद बहुत बीमार हो गई है। और साहब मुझे उस पर बहुत  रहम आती है। वो अभी सिटी हॉस्पिटल में एडमिट है।”

राकेश तुरंत उस लड़की से मिलने हॉस्पिटल जाता है। लड़की ने राकेश को पहचान लिया था। क्योंकि वो लड़की राकेश को रोज देखती थी। राकेश ने उस लड़की की तबीयत के बारे में पूछा। लड़की ने कहा, “ठीक है।“ राकेश ने पुछा, “तुम्हारा नाम क्या है? लड़की ने आश्चर्य से पूछा, “क्या?”  आपको मेरा नाम नहीं पता और आप यहां पर। लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा, “जानवी।“

राकेश ने कहा,“अच्छा नाम है।“ राकेश ने पूछा,“तुम्हें यहां हॉस्पिटल से छुट्टी कब मिल रही है?”  जानवी ने कहा,“शायद कल शाम तक।“ राकेश ने उसके यहां पर ये सब करने का कारण पूछा। तो  जानवी (भावुक होकर) बोली,“मेरे माता-पिता नहीं रहे। और मुझे पैसों की जरूरत थी। मैं अपने दो छोटे भाई और बहन को पढ़ाती हूं। पर मुझे यह सब करना अच्छा नहीं लगता। और मैं इस काम को करने के बजाए मरना पसंद करूंगी। पर मेरे छोटे भाई बहन का चेहरा मेरे सामने  आकर ये सब करवाता है।”

राकेश सारी बात समझ चुका था।  राकेश ने कहा,“तुम ठीक हो जाओ, अब तुम्हें ये सब करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।“ राकेश हॉस्पिटल से चला जाता है। दूसरे दिन सुबह वो लड़की के लिए  कुछ कपड़े और गुलाब का फूल लेकर आता है ।

फूल जानवी को देते हुए कहता है, “लो जी, आज से आप अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करो, मैं तुम्हारे साथ हूं।“  जानवी (मुस्कुराते हुए) फूल लेते हुए कहती है,“जी, धन्यवाद।“

राकेश ने कहा,“मैंने तुम्हारे लिए अपने ऑफिस में बात कर ली है। अब तुम मेरे साथ  कल से ऑफिस ज्वाइन करो और अपने मुताबिक जीवन  जिओ।“  जानवी बहुत खुश हुई। अब जानवी राकेश के घर पर ही रहने लगी। उस वक्त राकेश घर में अकेला ही रहता था। उसने जानवी के दोनों छोटे  भाई बहन को भी अपने घर में रखा और पढ़ने की पूरी आजादी दी। अब जानवी अपनी खुशियों में रंगीन खुशबू का अहसास करने लगी। उसे राकेश से प्यार होने लगा, पर वो कहना नहीं चाहती थी।

एक दिन रात राकेश ने अपने दोस्तों के साथ कुछ शराब पी ली थी।घर आकर नशे में जानवी के साथ संबंध बनाने की कोशिश करने लगा। जानवी ने मना किया पर वो नहीं माना। तो  जानवी ने राकेश को एक जोरदार तमाचा मार दिया। और बोली,“मेरे साथ ये सब ही करना था तो, तुम मुझे यहां पर क्यों लेकर आए हो।मैं वहां पर ही ठीक थी।“

राकेश ने कहा,“सॉरी जानवी, मैं थोड़ा बेहक गया था।मुझे माफ कर दो।“

जानवी जोर से रोने लगी, राकेश भी भावुक होकर जानवी को कहता है,“तुम मुझसे शादी करोगी?

मैं तुमसे प्यार करता हूं, तब तो मैं तूम्हे यहां लेकर आया हूं l तुम चाहो तो मैं तुमसे शादी करना चाहूंगा l” जानवी ने राकेश को गले लगा लिया और कहने लगी,“मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं, पर मेरे अतीत का इस्तेमाल मत करना l”

राकेश ने कहा,“मैं तुम्हें पत्नी के रूप में ही देखना चाहूंगा l” दोनों ने मंदिर में खुशियों के साथ शादी कर ली और प्यार से रहने लगे।

 

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