Patience in Hindi धैर्य कैसे जीवन को बदलता है a motivational story
Patience in Hindi धैर्य ऐसे जीवन बदलता हैं।

Patience in Hindi आपने अक्सर यह तो कहते सुना ही होगा की सब्र का फल मीठा होता हैं। आखिर सब्र का फल मीठा क्यों होता है। इस बात को साबित यह कहानी करती हैं।
रवि और श्याम दो दोस्त थे उनमें गहरी दोस्ती थी। कोई भी काम करते साथ-साथ करते। परंतु पैसा कमाने की कल्पनाएं व योजनाएं मेल नहीं खाती थी। रवि को पैसा व कामयाबी जल्दी और बड़ी चाहिए थी। वह सभी प्रकार के काम करके देख रहा था। उसने जीतने भी कार्य उसके रिश्तेदार व दोस्तों ने किए वे सभी काम कर करके छोड़ने लगा। रवि को कोई न कोई दूसरी योजना मिलते ही पुराने कार्य को छोड़ देता और नए कार्य में लग जाता।
इधर श्याम अपने काफी समय से करते आए काम को ही बढ़ाने में लग रहा। और जो भी योजना बनाता उस कार्य को लेकर ही बनाता। जब दोनों दोस्त अपने काम को लेकर बात करते तब रवि श्याम से कहता, तु कब तक इस पुराने काम में लगा रहेगा और तुम यहां से कोई ज्यादा पैसा भी नहीं कमा रहे हो। कुछ नया शुरू करो। तो श्याम ने कहा, मेरा काम लोगों को सर्विस देने का है। और ये काम कम हो सकता है परंतु कभी बंद नहीं हो सकता। मैं इसी काम को नए तरीके से करने की कोशिश कर रहा हूं। अब तुम बताओ रवि तुम्हारा क्या चल रहा है। तब रवि ने कहा, मेरा तो अभी कुछ ज्यादा सेटल नहीं हुआ है। पर कुछ ही दिनों में हो जाएगा।
रवि और श्याम अपने अपने काम में लग जाते हैं। काफी समय बाद जब फिर वापस वह मिले तो दोनों के बीच काफी अंतर हो चुका था। रवि जो की उसे सब कुछ जल्दी व बड़ा चाहिए था । वो अभी तक कुछ होने का इंतजार ही कर रहा था। इधर श्याम अपने काम को सब्र से व योजना से कर रहा था। वह आज अच्छा पैसा भी कमा रहा है और सर्विस का काम होने से उसका मार्केट में नाम भी होने लगा। रवि ने श्याम के काम और धैर्य रखने की शक्ति को समझ चूका था। अब उसे एहसास होने लगा की जो वो सोच रहा था वो उसकी बहुत बड़ी मूर्खता थी। और जीवन में फालतू कार्यों में बिताये समय पर पछताव करने लगा। तब रवि को अहसास हूआ की सब्र का फल मीठा हेता है।
दो दोस्तों इस कहानी में सब्र का फल श्याम ने खाया और मिठास का आनंद भी लिया.
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