30 March Rajasthan Diwas | राजस्थान दिवस पर निबंध PDF, राजस्थान का इतिहास

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30 March Rajasthan Diwas
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30 March Rajasthan Diwas | राजस्थान दिवस पर निबंध PDF, राजस्थान का इतिहास

Rajasthan Diwas

प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है। 30 मार्च, 1949 के दिन जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर ‘वृहत्तर राजस्थान संघ’ बना था। इसलिए यह दिन राजस्थान दिवस (30 March Rajasthan Diwas) के रूप में मनाया जाता है | ऐसे में अगर आप भी राजस्थान दिवस के ऊपर निबंध (Rajasthan Diwas Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं? लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है क्या आप निबंध की शुरुआत कैसे करें तो हम आपको इस आर्टिकल में Essay on Rajasthan Diwas के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे आइए जानते हैं-

राजस्थान दिवस पर निबंध 250 शब्द Rajasthan Diwas Essay 250 words

राजस्थान जिसे वीरो की भूमि कहा जाता है। भारत की आजादी में राजस्थान के वीरों की भूमिका अतुल्य रही थी पुराने जमाने में राजस्थान को राजपूताना (Rajputana) कहा जाता था। क्योंकि राजस्थान के अधिकांश भूमि पर राजपूतों का अधिकार था राजस्थान के प्रत्येक शहर में ऐतिहासिक किले मौजूद है जो वीर जवानों की वीर गाथा बखान करते हैं | भारत आजाद होने के 1 वर्ष पश्चात 1949 में राजस्थान स्थापना के प्रत्येक साल 30 March Rajasthan Diwas (राजस्थान दिवस) मनाया जाता है | इस पावन अवसर पर राजस्थान के लोग एक दूसरे को मिठाइयां बांट कर राजस्थान दिवस (Rajasthan Diwas) मनाते हैं | 1949 में जैसलमेर बीकानेर जयपुर और जोधपुर के रियासतों को मिलाकर ही राजस्थान संघ बनाया गया था .

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Rajasthan के जमीन पर ऐसे वीरों ने जन्म दिया जिनके बारे में जितना कहा जाए कम होगा महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में हुआ था . जिन्होंने मुगलों से अपने राज्य को बचाने के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए इसके अलावा पृथ्वीराज चौहान के बारे में आप लोगों ने जरूर सुना होगा उनका जन्म भी राजस्थान के अजमेर में हुआ था उन्होंने 17 बार विदेशी आक्रमणकारी मोहम्मद गौरी को धूल चटाई थी .

इसके अलावा बप्पा रावल, महाराणा सांगा, मीराबाई, ठाकुर कुशाल सिंह जैसे बलिदानी लोग भी यहां पर पैदा हुए थे। राजस्थान के अंदर ऐसी कई ऐतिहासिक इमारत और किले हैं जो राजस्थान के ऐतिहासिक इतिहास को बयान करते हैं | इसके अलावा यहां पर ऐसे कई प्राचीन मंदिर है जो अपने आप में काफी आकर्षक है जैसे कि तनोट माता का मंदिर, मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर इत्यादि।

राजस्थान दिवस पर निबंध कक्षा 4,5,6,7,8,9,10 के लिए | Essay on Rajasthan Day for Class 4th to 10th

स्कूल में स्टूडेंट्स को (30 March Rajasthan Diwas) राजस्थान दिवस पर निबंध लिखने को दिया जाता हैं। जसमें कक्षा 4 से 10 तक (Class 4th 10th) के बच्चों को Rajasthan Diwas Essay लिखने का टास्क मिलता है। स्टूडेंट्स निचे दिए गए निबंध प्रारूप का उपयोग कर सकते है। तथा निचे दी गई PDF को डाउनलोड कर सकते है।

राजस्थान वीर सपूतों का राज्य है | राजस्थान नया ऐसे वीर जवानों को जन्म दिया जिनके द्वारा किए गए अतुल्य कामों की वजह से राजस्थान राज्य की स्थापना हो पाई | 30 मार्च 1949 को राजस्थान राज्य की स्थापना की गई थी . राजस्थान को बनाने के लिए जैसलमेर बीकानेर जयपुर और जोधपुर रियासत को मिलाया गया था तभी जाकर राजस्थान राज्य के रूप में भारत का अभिन्न अंग बना . राजस्थान का इतिहास ऐतिहासिक और यादगार रहा है क्योंकि राजस्थान की पावन भूमि पर ऐसे वीर सपूतों ने जन्म लिया जिन्होंने राजस्थान राज्य के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर दिया है चाहे महाराणा प्रताप हो या पृथ्वीराज चौहान राजस्थान की भूमि वीर सपूतों से भरी हुई है 1857 की क्रांति में राजस्थान के वीर सपूतों की भूमिका भी अतुल्य रही थी |

प्राचीन काल में राजस्थान को राजपूताना कहा जाता है इसकी सबसे प्रमुख व्यक्ति की राजस्थान के अधिकांश हिस्सों पर राजपूतों का अधिकार था यही वजह है कि इसे राजपूताना कहां जाने लगा था | जब राजस्थान राज्य की उत्पत्ति हुई तब राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री के रूप में हीरालाल शास्त्री को चुना गया था। राजस्थान के बारे में इंग्लैंड के मशहूर कवि किप्लिंग के अनुसार ‘दुनिया में अगर कोई ऐसा स्थान है, जहां वीरों की हड्डियां मार्ग की धूल बनी हैं तो वह राजस्थान है |

राजस्थान दिवस पर पर निबंध हिंदी में लिखा हुआ

(30 March Rajasthan Diwas) राजस्थान दिवस पर निबंध की शुरुआत कैसे करेंगे तो मैं आपको नीचे राजस्थान दिवस पर निबंध (Rajasthan Diwas Par Nibandh) कैसे लिखना है उसकी पूरी प्रक्रिया का विवरण दे रहे हैं आइए जानते हैं-

प्रस्तावना

राजस्थान भारत के मशहूर पर्यटक राज्यों में से एक है क्योंकि यहां पर घूमने के लिए प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं राजस्थान वीर सपूतों का राज है क्योंकि राजस्थान की भूमि पर कई वीर सपूतों ने जन्म लिया जिन्होंने अपने अतुल्य कामों से राजस्थान के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित किया प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस (अंग्रेज़ी में- Rajasthan Day) अथवा राजस्थान स्थापना दिवस मनाया जाता है।  30 मार्च 1949 को जोधपुर जयपुर जैसलमेर और बीकानेर जैसे रियासतों को मिलाकर ही राजस्थान राज्य बनाया गया था | यही राजस्थान की स्थापना का दिन माना जाता है। जब राजस्थान राज्य की उत्पत्ति हुई तब राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री के रूप में हीरालाल शास्त्री को चुना गया था ।

भूमिका

राजस्थान दिवस, इसे राजस्थान का स्थापना दिवस भी कहा जाता है। हर वर्ष के तीसरे महीने यानी मार्च 30 को राजस्थान दिवस मनाया जाता है। 30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर ‘वृहत्तर राजस्थान सङ्घ’ बना था। इस दिन राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति तथा बलिदान को नमन किया जाता है।

स्थापना

(Rajasthan) राजस्थान शब्द का अर्थ राजाओं का स्थान यानी जहां पर पीर राजाओं ने शासन किया था और अपनी प्रजा के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान राजस्थान राज्य की रक्षा के लिए दे दिया राजस्थान के इतिहास में वीर तो वीर, वीरांगनाएं भी अपनी माटी के लिए कुर्बानी देने में नहीं झिझकीं। 15 अगस्त 1947 को जब भारत आजाद हुआ तो उस समय राजस्थान कई रियासत में बटा हुआ था ऐसे में कई रियासत अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए जी तोड़ मेहनत करे थे लेकिन तत्कालीन गृह मंत्री बल्लभ भाई पटेल ने अपनी राजनीतिक सूझबूझ और सैनिक क्षमता के बदौलत राजस्थान को भारत का अभिन्न अंग बनाया राजस्थान राज्य की स्थापना 30 मार्च 1949 में किया गया था यही वजह है कि प्रत्येक साल 30 मार्च राजस्थान में राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाता है

राजस्थान का इतिहास

राजस्थान राज्य का इतिहास साहस और पराक्रम से भरा हुआ है राजस्थान के पावन भूमि पर राजस्थान की धरती पर रणबांकुरों ने जन्म लिया है।  इसके अलावा यहां की वीरांगनाओं ने भी अपने त्याग और बलिदान से राजस्थान मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण निछावर कर दिया राजस्थान को वीर योद्धा की भूमिका जाती है इसी भूमि पर पृथ्वीराज चौहान ने जन्म लिया जिन्होंने 17 बार मोहम्मद गौरी को युद्ध में हराया था महाराणा प्रताप को आप कैसे भूल सकते हैं महाराणा प्रताप ने अपनी अंतिम सांस तक मुगलों से लड़ाई की और आखिर में अपने मातृभूमि के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए |  जोधपुर के राजा जसवंत सिंह के 12 साल के पुत्र पृथ्वी ने भी यह जन्म लिया  जिन्होंने अपने हाथों से औरंगजेब के खूंखार भूखे जंगली शेर का जबड़ा फाड़ डाला राणा सांगा का जन्म भी राजस्थान में हुआ था

जिन्होंने राजस्थान मातृभूमि की रक्षा के लिए 100 अधिक युद्ध लड़े  पन्ना धाय के बलिदान के बारे में भी आप लोगों ने सुना होगा जिन्होंने जिन्होंने 1536 ईस्वी में अपने एकमात्र पुत्र चंदन की बाल्यावस्था में ही बलिदान देकर मेवाड़ राज्य के राजकुमार उदयसिंह की रक्षा की थी। राजस्थान राज्य के जोधपुर के राजकुमार अजीत सिंह को औरंगजेब से बचाने के लिए वे उन्हें अपनी नवजात राजकुमारी की जगह छुपाकर लाई थीं। आसान शब्दों में हम कहे तो राजस्थान की भूमि में ऐसे कई वीर सपूतों ने जन्म दिया जिन का बखान शब्दों के माध्यम से कर पाना संभव नहीं है |

उपसंहार

राजस्थान भारत का रेगिस्तानी राज्यों में से एक है यहां पर गर्मी में काफी अधिक गर्मी और ठंड में अधिक ठंड पड़ती है राजस्थान की राजधानी जयपुर है जिसे भारत का गुलाबी नगर कहा जाता है क्योंकि जयपुर में है कई ऐतिहासिक किले और इमारतें हैं जिनका दर्शन करने के लिए देश और दुनिया से लोग यहां पर आते हैं |  इन किलो की दीवारों पर पुरानी संस्कृति एवं कला दिखती है । जब आप इन पुरानी संस्कृति और कलाओं को देखते हैं तो आपको राजस्थान राज्य के महान परंपरा और उसके संस्कृति के बारे में जानकारी मिलती है |

प्राचीन समय में जब राजा महाराजा भ्रमण के लिए बाहर हाथी के द्वारा जाए करते थे तो चारों तरफ जनता इकट्ठा हो जाती थी आज राजस्थान के किले राजस्थान की संस्कृति और कला को देश विदेशों में पहुंचाने का काम कर रहे है  हम सभी लोगों को यह कोशिश करनी चाहिए कि हम हमारे राजस्थान को बेहतर से बेहतर बनाये रखने का ध्यान देना चाहिए जिससे की आने वाले कल के युवाओं इस राज्य का महत्व और दृश्य को देख और समझ सके। राजस्थान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक राज्य है |

Rajasthan Diwas Essay PDF | राजस्थान दिवस पर पर निबंध PDF

राजस्थान दिवस के निबंध का पीडीएफ फाइल अगर आप प्राप्त करना चाहते हैं तो उसका लिंक हम आपको नीचे दे रहे हैं जिस पर क्लिक कर कर आप इसके Rajasthan Diwas Essay in Hindi PDF Download कर सकते हैं –

राजस्थान दिवस पर निबंध 10 लाइन | Rajasthan Diwas Essay 10 Line

  1.  राजस्थान का क्षेत्रफल 342,239 Km² है।
  2. पुराने जमाने में राजस्थान को राजपूताना कहा जाता था
  3. कर्नल जेम्स टॉड ने इस प्रदेश का नाम ‘रायथान’ रखा क्योंकि यहाँ राजा रहते थे। राजाओं का स्थान होने के कारण ये राजस्थान कहलाया।
  4. 30 मार्च 1949 को कुल मिलाकर 22 रियासत को मिलाकर राजस्थान राज्य की स्थापना की गई थी
  5. राजस्थान की राजधानी जयपुर है जिसे गुलाबी नगर कहा जाता है |
  6. राजस्थान का राष्ट्रीय पशु ऊंट है
  7. राजस्थान का राज्य पशु ऊँट है,
  8. राजस्थान का राज्य पक्षी गोडवाणा, राज्य खेल बास्केटबॉल, राज्य पुष्प रोहेड़ा और राज्य वृक्ष खेजड़ी है
  9. राजस्थान की जलवायु शुष्क उप-आर्द्र मानसूनी जलवायु है।  यही कारण है कि यहां पर गर्मी अधिक पड़ती है
  10. राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री: पंडित हीरा लाल शास्त्री थे।

FAQ’s 30 March Rajasthan Diwas 2023

Q. राजस्थान का पुराना नाम क्या है?

Ans. आजादी से पहले राजस्थान को राजपूताना के नाम से जाना जाता है. जार्ज थॉमस ने साल 1800 ईसा में ‘राजपूताना’ नाम दिया था. कर्नल जेम्स टॉड ने 1829 ईसा में अपनी पुस्तक ‘द एनाल्स एंड एक्टीविटीज ऑफ राजस्थान’ में किया.

Q. राजस्थान की स्थापना कब हुई किसने की?

Ans. चूंकि देश आजाद होने से पहले यहां अनेक राजा-महाराजाओं ने राज किया था। इससे पहले राजस्‍थान को राजपूताना के नाम से जाना जाता था और कुल 19 रियासतों को मिलाकर यह राज्‍य बना था । 30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर ‘वृहत्तर राजस्थान संघ’ बना।30 मार्च 2022

Q. राजस्थान इतिहास के पिता कौन है?

राजस्थान इतिहास के जनक कर्नल जेम्सहाडॅ कहे जाते है। वे 1818 से 1821 के मध्य मेवाड़ (उदयपुर) प्राप्त के पोलिटिकल एजेन्ट थे उन्होने घोडे पर धूम-धूम कर राजस्थान के इतिहास को लिखा।

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