नीम करोली बाबा के चमत्कारों के कारण वे देश ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध थे। उन्हों ने कई लोगों को जीवन जीने की सही राह दिखाई। वे हनुमान जी के भक्त थे और लोगों को भी भगवान श्री हनुमान की भक्ति करने के लिए कहते थे। जीवन भर उन्होंने साधा सरल जीवन जिया और वृंदावन में अपने प्राण त्याग दिये। आज हम आपको नीम करोली बाबा की मृत्यु (Neem Karoli Baba Death) के बारे में बताएंगे साथ ही नीम करोली बाबा की मृत्यु कैसे हुई?, नीम करोली बाबा की मृत्यु कब हुई Neem Karoli Baba Death Date, नीम करोली बाबा की मृत्यु कहाँ हुई जैसी कई जानकारियां आज के आर्टिकल में देने वाले है। तो इन सब जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल आखिरी तक जरूर पढ़े।
नीम करोली बाबा के चमत्कार, लीला
Neem Karoli Baba Death
लेख के बारे में | नीम करोली बाबा |
मुख्य जानकारी | नीम करोली बाबा की मृत्यु |
राज्य | उत्तराखंड |
जिला | नैनीताल |
नीम करौली मंदिर | हनुमान जी का |
नीम करोली बाबा मृत्यु कब हुई | 11 सितंबर 1973 |
स्थान | वृंदावन, उत्तरप्रदेश |
कारण | मधुमेह कोमा |
Official Website | https://nkbashram.org/ |
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नीम करोली बाबा की मृत्यु कैसे हुई?
11 सितंबर 1973 की एक रात बाबा जी अपने वृंदावन स्थित आश्रम में थे। अचानक उनकी तबीयत खराब होने लगी जिसके बाद भक्तों ने आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर डॉक्टर द्वारा ऑक्सीजन मास्क लगाने के तुरंत बाद निकालकर बाबाजी ने फेंक दिया और वहां उपस्थित भक्तों से कहा कि अब मेरे जाने का समय आ गया है। तुलसी और गंगाजल लाने का आदेश बाबा ने अपने भक्तों को दिया। इसके बाद उन्होंने तुलसी और गंगाजल को ग्रहण कर रात के करीब 1:15 पर अपने शरीर को त्याग दिया। कहते है कि बाबा अलौकिक रूप से अपने भक्तों के साथ हमेशा विराजमान रहते हैं।

नीम करोली बाबा की मृत्यु कब हुई
Neem Karoli Baba Death Date नीम करोली बाबा का जन्म करीब 1900 में उत्तरप्रदेश के अकबरपुर गांव में हुआ था। वहीं 17 साल की उम्र में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और इसी के बाद उन्होने घर छोड़ अपना जीवन हनुमान भक्ति में लगा दिया था। जीवन भर सादा सरल जीवन जीने वाले बाबा नीम करोली ने 1973 में अपना शरीर त्याग दिया था। बाबा वृंदावन के अपने आश्रम में थे। तभी उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया। इसी दौरान 11 सितंबर 1973 की एक रात करीब 1.15 मिनट पर उनकी मृत्यु हो गयी है।
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नीम करोली बाबा की मृत्यु कहाँ हुई
बाबा का सबसे प्रसिद्ध आश्रम उत्तराखंड के कैंची धाम में है। यहां आयताकार आकार के मंच पर हनुमान जी की मूर्ति भी है। देश भर में नीम करोली बाबा के कई आश्रम थे। बाबा नीम करोली अपने जीवन में अपने कई आश्रमों में रहे और अलग अलग जगह अलग अलग नाम से जाने जाते थे। कहीं बाबा नीम करोली तो कहीं लक्ष्मण दास तो कहीं हांड़ी वाले बाबा के नाम से जाने जाते थे। वहीं अपने अंतीम समय में वे अपने वृंदावन स्थित आश्रम में थे इसी दौरान तबीयत खराब होने के बाद वृंदावन के एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी मौत का कारण मधुमेह कोमा बताया जाता है।
FAQ‘s Neem Karoli Baba Death
Q. नीम करोली बाबा की मृत्यु कहां हुई?
Ans. नीम करोली बाबा की मृत्यु वृंदावन के एक अस्पताल में हुई। बाबा जी अपने वृंदावन स्थित आश्रम में थे। अचानक उनकी तबीयत खराब होने लगी जिसके बाद भक्तों ने आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था।
Q. नीम करोली बाबा की मौत का कारण क्या था?
Ans. बाबा नीम करोली बाबा की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी मृत्यु का कारण मधमेह कोमा बताया जाता है।