सद्गुरु जग्गी वासुदेव | Sadhguru Jaggi Vasudev Biography in Hindi | Sadhguru kon hai

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Sadhguru Jaggi Vasudev Biography
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सद्गुरु जग्गी वासुदेव | Sadhguru Jaggi Vasudev Biography in Hindi | Sadhguru kon hai

Sadhguru Jaggi Vasudev Biography:- दौड़ भाग भरे इस जीवन में लोग शांति और सुकून पाने के लिए क्या कुछ नहीं करते और यही कारण है कि लोग अध्यात्म, योग, मेडिटेशन जैसी चीजों की ओर खींचे चले जाते है। यही कारण है कि आजकल लोग इसी चीजों का सहारा अपने जीवन को सुकून में बिताने के लिए लेते है। इसी दुनिया में सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev) एक बड़ा नाम हो चुका है। उनसे मिलकर लोग लाइफ की फिलासफी को समझने की कोशिश करते है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर कौन है और क्यों लोग उनके उपदेशों को अपने जीवन में अपनाने की कोशिश करते है। तो यह आर्टिकल आपकी बहुत मदद कर सकता हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे. सद्गुरु जग्गी वासुदेव का जीवन परिचय, Sadhguru Jaggi Vasudev Biography in Hindi, सद्गुरु कौन हैं | Who is Sadhguru, जग्गी वासुदेव कौन हैं?, सद्गुरु का आश्रम | Sadhguru Ashram, सद्गुरु आश्रम फीस, जग्गी वासुदेव का जीवन परिचय, सद्गुरु के मन्त्र, isha foundation sadhguru तो इन सब जानकारी के लिए हमारा यह आर्टिकल आखिर तक जरूर पढ़ें। 

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सद्गुरु जग्गी वासुदेव का जीवन परिचय। Sadhguru Jaggi Vasudev Biography in Hindi

सदगुरु जग्गी के बचपन का नाम जगदीश है। उनका जन्म 3 सितंबर 1957 में कर्नाटक के मैसूर (mysuru) में हुआ था। उन्हें बचपन से ही प्रकृति (nature) से बेहद लगाव था। वे कई दिनों तक जंगल में रहने के लिए चले जाते थे। जंगल में जाकर  सदगुरु पेड़ों की ऊंची ऊंची डाल पर बैठकर हवाओं का आनंद लेते रहते थे और गहरे ध्यान में चले जाते थे। इतना ही नहीं बचपन में जब भी किसी चीज को देखते थे तो बस उसे देखते ही चले जाते थे और उनके दिमाग में विचारों का सिलसिला शुरू हो जाता था। जैसे यह वस्तु क्यों है, यह कैसे बनी है क्या है और इसके क्या उपयोग हो सकते हैं उदाहरण के लिए अगर किसी ने उन्हें पानी का गिलास दिया है तो वे उसे ही देखते रहते थे और उसके बारे में चिंतन (thought process) करना शुरू कर देते थे।

उनकी इन्हीं हरकतों को देखकर उनके पिता चिंता में आ गए थे और उन्हें लगा कि इन्हें किसी मनो चिकित्सक को दिखाना होगा। जिसके बाद उनके पिता उन्हें एक योग गुरु के पास ले गए। जहां उन्होंने योग सीखा। 11 साल की उम्र में जग्गी वासुदेव (Jaggi Vasudev) ने योग (Yoga) का अभ्यास करना शुरू कर दिया था। योग की शिक्षा उन्होंने श्री राघवेंद्र राव (Raghavendra Rao) से ली। जग्गी वासुदेव ने 1984 में विजयाकुमारी (Vijaya Kumari) से विवाह किया था। वहीं 1997 में उनकी पत्नी का देहांत हो गया। जग्गी वासुदेव अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। इनके परिवार में इनके माता-पिता थे। इनके पिता भारतीय रेलवे (Indian Railway) में काम करते थे इस वजह से उनका एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना जाना रहता था इस कारण भी अलग-अलग जगह पर हमेशा रहते थे क्योंकि जॉब में उनका समय समय पर तबादला होता रहता था।

Sadhguru Jaggi Vasudev Biography in Hindi

नाम सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev)
बचपन का नामजगदीश
जन्म मैसूर, कर्नाटक
गुरुश्री राघवेंद्र राव
पत्नीविजया कुमारी
पेशायोग गुरु, लेखक
संस्थापक ईशा फाउंडेशन (isha foundation)

सद्गुरु कौन हैं | Who is Sadhguru। जग्गी वासुदेव कौन हैं? 

सदगुरु ईशा फाउंडेशन के संस्थापक है। वे एक योग गुरु है साथ ही एक लेखक भी है। ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) एक नॉन प्रॉफिटेबल संस्था है जो पूरे विश्व में योग सिखाती है और लोगों को अध्यात्म से भी जोड़ती है। सदगुरु को मानने वाले लोग उन्हें सुनना बेहद पसंद करते है। कहा जाता है की उन्होंने अपने विचारों से कई लोगों के जीवन में नया उजाला लाया है। कई लोगों की जिंदगी सदगुरु के मार्गदर्शन ने बदल डाली। ईशा फाउंडेशन (isha Foundation) के जरिए भी सदगुरु ने कई लोगों की मदद की है।

ईशा फाउंडेशन सिर्फ इंडिया में ही नहीं बल्कि अमेरिका, लेबनान, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, इंग्लैंड में भी लोगों की मदद करती हैं। सभी को अपनी संस्था के माध्यम से लोगों को योग की शिक्षा देते हैं तथा योग सिखाते हैं यहा  हजारों नहीं लाखों लोग आते हैं और अपने जीवन में आध्यात्मिक अनुभव के लिए योग की शिक्षा प्राप्त करते हैं और निरंतर प्रयास करके अपने मन में उठ रहे सवालों के जवाब ढूंढ रहे हैं लोगों को स्वास्थ्य मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग के बारे में लगातार जग्गी वासुदेव सद्गुरु भारत देश में नहीं अपितु पूरे विश्व में कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

जग्गी वासुदेव (Sadhguru Vasudev) को लगने लगा था कि उन्हें अगर अपने सवालों के जवाब चाहिए तो उन्हें घूमना पड़ेगा अलग-अलग स्थानों पर जाना पड़ेगा इसी के चलते उन्होंने पूरे दक्षिण भारत की यात्रा की। पहले उन्होंने साइकिल (bycycle) से कहीं लंबी लंबी यात्रा की इसके बाद उन्होंने एक बाइक (Bike) ले ली और बाइक से लगभग पूरे भारत की यात्रा की उन्हें बचपन से ही बाइक का बहुत शौक था। यही कारण है कि उनके घर पर भी कहीं बाइक मौजूद है जो की नई से नई बाइक उनके घर में देखने को मिल सकती है।

Sadhguru wikipedia in Hindi

नाम ईशा फाउंडेशन (isha Foundation)
स्थापना1992
संस्थापकसदगुरु जग्गी वासुदेव
कर्मचारी2.5 लाख लगभग
हेडक्वार्टरकोयंबटूर
लक्ष्य 16 करोड़ पेड़ लगाना 
अवार्डइंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार, 2008 पद्म विभूषण, 2017

सद्गुरु का आश्रम | Sadhguru Ashram | isha Foundation

जब सद्गुरु भारत भ्रमण पर थे तब वह लोगों को जगह जगह पर जाकर योग सिखाने का काम करते थे और इसी बीच 1992 में उन्होंने ईशा फाउंडेशन की नींव रखी। यह एक लाभ रहित संस्था है जो लोगों की मदद करने का काम करती है। यह सामाजिक काम करने के साथ-साथ प्राकृतिक धरोहर को भी सुरक्षित रखने का काम करती है। आपको बता दें ईशा फाउंडेशन का लक्ष्य 16 करोड़ वृक्ष लगाने का है जिसमें तमिलनाडु में 8.52 लाख पेड़ लगाकर गिनीज बुक में अपना वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज करा चुकी है। ईशा फाउंडेशन का मुख्यालय कोयंबटूर में है।

सद्गुरु जग्गी यहां योग सिखाते हैं। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए 2008 में इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा 2017 में पद्म विभूषण अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। ईशा फाउंडेशन में लगभग 2.5 लाख से ज्यादा लोग काम करते। ईशा फाउंडेशन का प्रमुख लक्ष्य नदियों को सुरक्षा प्रदान करने का भी है। जिसे लेकर कहीं अभियान भी चलाए जा रहे हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को इस अभियान से जोड़ने का काम किया जा रहा है। 

2017 में भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा डिजाइन किए गए 112 फुट ऊंचे आदि योग शिव प्रतिमा का उद्घाटन ईशा योग केंद्र (Isha Yoga Kendra) में किया था। यहां पर शिवरात्रि (MahashivRatri) के दिन लाखों की संख्या में लोग इकट्ठे होते हैं और कार्यक्रम में शामिल होते हैं।

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सद्गुरु आश्रम फीस। Sadguru Aashram Fees 

दक्षिण भारत के कोयंबटूर में ईशा योग केंद्र है। ईशा योग केंद्र का दौरा करने के लिए आपको कुछ खर्च नहीं करना पड़ता क्योंकि यहां प्रवेश नि:शुल्क है यदि आप ध्यान लिंग और लिंग भैरवी पर जाने के लिए कुछ घंटे या फिर 1 दिन का समय बिताना चाहते हैं तो आपको कुछ भी खर्चा नहीं करना पड़ेगा। ईशा योग केंद्र वेल्लीअनगिरी पहाड़ तमिलनाडु की सीमा में स्थित है। यदि आप आश्रम के ही निजी कमरों में रहना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको जरूरी होगा कि पहले से बुकिंग कर ले। उन कमरों की कीमत ₹800 प्रति दिन होती है। जिनमें सुबह का नाश्ता दोपहर का पेय पदार्थ और रात खाना शामिल है। आप दोपहर के भोजन के लिए नजदीकी किसी रेस्तरां में जा सकते हैं क्योंकि आश्रम में दोपहर में भोजन नहीं मिलता है। इसके अलावा यहां पर खास आकर्षण शिवरात्रि के दौरान होने वाले आयोजन का है।

अगर आप शिवरात्रि के दौरान ईशा योग केंद्र कोयंबटूर जाने की योजना बना रहे हैं तो आप का खर्च बिल्कुल अलग होगा। आदियोगी प्रतिमा पर शिवरात्रि के दिन जाने के लिए आपको अपनी सीट पहले से ही बुक करनी होगी। जिसकी कीमत ₹0 यानी निशुल्क से शुरू होकर ₹50000 तक होता है। शिवरात्रि पर ईशा फाउंडेशन द्वारा मुफ्त भोजन की व्यवस्था की जाती है लेकिन यहां से कोई भी चित्र या फोटो अपलोड नहीं किया जाता क्योंकि यह प्रतिबंधित है।

सद्गुरु के मन्त्र। Sadguru Ke Mantra

सद्गुरु सतगुरु ने हमेशा लोगों को अध्यात्म से जोड़ने का काम किया है उनके उपदेश लोगों को जीवन की नई राह दिखाते हैं। इसके साथ ही योग और मेडिटेशन के जरिए भी लोग अद्भुत शांति का अनुभव करते हैं। सतगुरु ने विभिन्न मंत्रों के जरिए भी लोगों को अपने जीवन में सुधार के कई अनुभव दिए हैं। विभिन्न मंत्र जैसे शिव मंत्र, गायत्री मंत्र जैसे मंत्रों को किस तरह से आत्मसात किया जाए इन्हें भी सद्गुरु ने बताया है। उनका कहना है कि मंत्र का सही उच्चारण कर उन्हें दोहराया जाए तो वे प्रत्येक के जीवन में एक गहरा प्रभाव छोड़ते हैं। सतगुरु ने अपने कई भाषणों में इन मंत्रों के बारे में भी बताया है। इसके साथ ही सतगुरु ने सरल जीवन जीने के लिए भी लोगों को उनके भक्तों को कई मंत्र दिए हैं। 

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FAQ’s Sadhguru Jaggi Vasudev Biography in Hindi

Q. सदगुरु वासुदेव जग्गी कौन है?

Ans. सदगुरु वासुदेव जग्गी का बचपन का नाम जगदीश है। वह एक प्रसिद्ध योग गुरु और लेखक जो लोगों को अध्यात्म से जोड़ने का काम करते हैं। साथ ही प्रकृति को लेकर उनका खास लगाव है। 

Q. ईशा योग केंद्र कहां है?

Ans. ईशा योग केंद्र दक्षिण भारत के कोयंबटूर नगर से 40 किलोमीटर की दूरी पर है वेल्लनगिरी पर्वतों की तलहटी में स्थित हैं।

Q. सदगुरु वासुदेव जग्गी के गुरु कौन थे?

Ans. सदगुरु वासुदेव जग्गी के गुरु श्री राघवेंद्र राव थे जिन्होंने उन्हें योग सिखाया था। उन्हीं से योग  सीख कर वासुदेव जग्गी ने योग में महारत हासिल की। 

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