प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन | Premanand Ji Maharaj Biography, Health, Aashram

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Premanand Ji Maharaj Biography
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प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन | Premanand Ji Maharaj Biography, Health, Aashram

सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के बीच आजकल हर किसी से कनेक्ट होना काफी आसान हो गया है चाहे फिर विषय धर्म या अध्यात्म का ही क्यों ना हो Social Media का रास्ता काफी आसान होता है। इन दिनों सोशल मीडिया पर रील्स या छोटे Vidoes में आप प्रेमानंद महाराज (Premanand Ji Maharaj) और उनके उद्देश्यों को सुनते होंगे। लेकिन क्या आप प्रेमानंद महाराज के बारे में जानते हैं, क्या आप जानते हैं कि उनमें क्या विशेष हैं इसके साथ ही प्रेमानंद महाराज का जीवन परिचय, Premanand Maharaj Biography, Premanand ji Maharaj Vrindavan wale, प्रेमानंद महाराज कौन है?

प्रेमानंद महाराज की उम्र, प्रेमानंद महाराज का आश्रम, श्री हित धाम कहाँ है, श्री हित प्रेमानंद महाराज जी के बारें में, प्रेमानंद महाराज के प्रवचन जैसी कई जानकारियां हम आज आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से देने वाले हैं तो इन तमाम जानकारियों के लिए हमारा आर्टिकल जरूर पढ़ें। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप प्रेमानंद जी महाराज के बारे में ऐसी जानकारियां जुटा लेंगे जो कि आपको आश्चर्य में भी डाल सकती है। 

सद्गुरु जग्गी वासुदेव का जीवन परिचय

प्रेमानंद महाराज का जीवन परिचय | Premanand Ji Maharaj Biography 

देखिये तो आपके लिए क्या आवश्यक हैं ? hide

Premanand Ji Maharaj Biography:- लोगों की अध्यात्म की ओर बढ़ती रुचि का श्रेय कहीं ना कहीं उन संतो को जाता है जो अपने उपदेशों को जनता के बीच पहुंचाते हैं। इसके साथ ही लोगों को धर्म से जोड़ते हैं। ऐसे ही महान प्रेमानंद महाराज ( Premanand Ji Maharaj) का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर के अखरी गांव में हुआ था। उनका परिवार एक विनम्र और सात्विक ब्राह्मण परिवार था। आपको बता दें उनके परिवार में उनके दादा सन्यासी थे। और उनके घर का माहौल भी काफी भक्ति पूर्ण हुआ करता था यानी वह बचपन से ही ईश्वर के बेहद करीब रहे। इनके पिता का नाम श्री शंभू पांडे था और इनकी माता का नाम श्रीमती रामा देवी था।

घर में आध्यात्मिक संत बाबाओ का आना जाना लगा रहता था। बचपन से ही अध्यात्म की और उनकी काफी रूचि थी. आपको बता दें कक्षा पांचवी तक आते-आते प्रेमानंद महाराज ने लगभग सभी प्रकार की चालीसा कंठस्थ कर ली थी वह हर रोज 10 से 15 प्रकार की चालीसा का पाठ करते और तिलक लगाकर स्कूल पढ़ने जाते थे। 

Premanand Ji Maharaj Biography in Hindi

बचपन के दिनों में उनके मन में एक विचित्र ख्याल आता था उनका सोचना था कि अगर घर के सभी सदस्य एक न एक दिन मर जाएंगे तो उनका इस दुनिया में कौन रहेगा और यही कारण है कि उन्होंने भगवान के चरणों को चुना। जब कक्षा नवी में पहुंचे तब उन्होंने घर छोड़ने का मन बना लिया। प्रेमानंद महाराज अपनी माता से सबसे अधिक स्नेह करते थे, यही कारण है कि उन्होंने अपनी मन की बात अपनी माता से कहीं तब उनकी माता को लगा कि यह बचपन में उनके मन में आया ख्याल है जो कुछ दिनों के बाद अपने आप चला जाएगा।

लेकिन अगले दिन सुबह 3:00 बजे उनके मन में ऐसी व्याकुलता उठी की उनको लगा कि आप भी अपना जीवन भगवान के चरणों में न्योछावर कर दें और इसी विचार के साथ 13 साल की उम्र में महाराज ने अपना घर छोड़ दिया और वह घर से अनंत यात्रा पर निकल गए। 

Premanand ji Maharaj Vrindavan Wale। प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन

प्रेमानंद जी महाराज का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। एक अध्यात्मिक संत हैं जो लोगों को उनका जीवन सरल बनाने के लिए उपदेश देते हैं साथ ही अध्यात्म की ओर लोगों को जोड़ते हैं। वे एक विनम्र और सात्विक परिवार में पैदा हुए थे। उनका बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। आपको बता दें कि प्रेमानंद जी महाराज अपने भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध हैं और उनकी प्रसिद्धि का मुख्य कारण उनकी कुछ विशेषताएं हैं जो उन्हें औरों से अलग बनाती हैं। इनके गुरु का नाम श्री हित गोविंद शरण जी महाराज है। महाराज जी वृंदावन में रहते हैं और उनका आश्रम भी वृंदावन में ही है। 

महाराज ने अपने शुरुआती दिनों में वाराणसी में तपस्या की गंगा किनारे एक विशाल पीपल के वृक्ष के नीचे आसन लगाकर कुछ देर तक बैठकर गंगा जी और भगवान महादेव का ध्यान करते थे उसके बाद भिखारियों की लाइन में लगकर 10 से 15 मिनट तक के लिए वह भीख मांगते थे और इस दौरान उन्हें जो कुछ मिल जाता था बस 24 घंटे उसी में अपना गुजारा करते थे। और उसके बाद 24 घंटे के लिए एकांतवास में चले जाते थे। कई बार ऐसा भी होता था कि महाराज जी को कई दिनों तक बिन भोजन केवल गंगाजल पीकर ही रहना पड़ता था। 

प्रेमानंद जी महाराज का स्वास्थ्य | Premanannd Ji Maharaj Health

Premanannd Ji Maharaj के बारे में आपको बताएं तो आपको बता दें की इनकी दोनों किडनी या विगत कई वर्षों से खराब है और यह हमेशा पीले वस्त्र ही धारण करते हैं साथ ही लोगों के हर सवाल का जवाब एक कांत वार्ता के माध्यम से ही देते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज की उम्र। Premanannd Maharaj Age

प्रेमानंद महाराज वर्तमान में वृंदावन में रह रहे हैं और अपना समय अध्यात्म और ध्यान की गतिविधियों में बिताते हैं। बताया जाता है कि वृद्धावस्था में होने के बावजूद प्रेमानंद महाराज काफी अच्छे स्वास्थ्य में है वृंदावन में रहते हैं और ईश्वर की भक्ति में ही अपने जीवन बिताते हैं। वे अपने ज्ञान और शिक्षा से लोगों का जीवन सरल बनाने में उनकी मदद करते हैं और इसी कारण दुनिया भर के लोगों द्वारा उन्हें बहुत सम्मान मिलता है। फिलहाल उनकी उम्र करीब 60 वर्ष है। प्रेमानंद जी का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। उनका उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ लेकिन उनके परिवार में बेहद धार्मिक माहौल था यही कारण है कि बचपन से ही उनकी रूचि धार्मिक कार्यों में रही और वे सदा ईश्वर के करीब रहे।

उनके परिवार में उनके पिता श्री शंभू पांडे एक भक्त व्यक्ति थे और उन्होंने बाद में वर्षों में सन्यास स्वीकार कर लिया इसके साथ ही उनकी माता श्रीमती रमा देवी बहुत पवित्र महिला थी और सभी संतो के लिए उनके मन में बहुत सम्मान था। उनके माता-पिता नियमित रूप से संत सेवा करते और विभिन्न भक्ति सेवा में लगे रहते थे उनके बड़े भाई श्रीमद् भागवत के श्लोक पढ़कर परिवार के आध्यात्मिक आभा को पढ़ाते थे। इसी माहौल के कारण प्रेमानंद महाराज का झुका सदैव ईश्वर भक्ति में ही लगा रहा। 

प्रेमानंद महाराज का आश्रम। Premanannd Maharaj Ashram

प्रेमानंद महाराज अपने आश्रम में वृंदावन में ही रहते हैं वृंदावन में ही उनका आश्रम है जहां पर वह हमेशा राधा कृष्ण की भक्ति में लीन रहते हैं। और लोगों को भी राधा कृष्ण की भक्ति करने के उपदेश देते हैं। प्रेमानंद महाराज का कहना है कि हमें अपने स्वास्थ्य पर खास ध्यान देना चाहिए और ईश्वर की भक्ति करना चाहिए इसके साथ ही उनका कहना है कि हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। वर्तमान में भी महाराज जी वृंदावन धाम में अपने आश्रम में कई वर्षों से लगातार रह रहे हैं और राधा जी की सेवा करते हैं। उनके आश्रम में जाने वाले भक्तों से विभेद करते हैं और उनके प्रश्नों को सुनकर उनकी दुविधा को दूर करते हैं और उन्हें उत्तर देते हैं आपको बता दें कि कई वर्षों से उनकी दोनों किडनी खराब है और उनकी आयु भी लगभग 60 वर्ष हो चुकी है.

Premanannd Ji Maharaj Ashram

इसके बावजूद वे ईश्वर भक्ति में लीन रहते हैं और किसी प्रकार की समस्या ना होकर वह बिल्कुल स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे हैं। राधा रानी की कृपा से ही उनकी इतनी ख्याति हो गई है कि उनके आश्रम में कई लोग उनसे मिलने जाते हैं प्रेमानंद जी महाराज लोगों को श्री राधा रानी जी की भक्ति मार्ग पर चलने के लिए कहते हैं। आपको बता दें इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली हाल ही में श्री प्रेमानंद जी महाराज से आशीर्वाद लेने के लिए अपने परिवार सहित वृंदावन गए और महाराज जी के विचारों को सुना जिसने भी महाराज जी के विचार सुने व उनके भक्त हो गए। 

आपको बता दें महाराज जी उनके आश्रम में ही रहते हैं और उनके वृंदावन स्थित आश्रम में ही वे लोगों से भेंट करते हैं उनका संपर्क नंबर सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन अगर उनसे संपर्क करना हो तो श्री हित राधा केली कुंज, वृंदावन परिक्रमा मार्ग, वराह घाट, दावन उत्तर प्रदेश जाना होगा। 

श्री हित धाम कहाँ है। Shri Hit Dham Kaha Hai

Shri Hit Dham एक आश्रम है जहां पर महाराज जी श्री राधा वल्लभ थी भक्ति करते हैं और रहते हैं। श्री हित धाम उत्तर प्रदेश के वृंदावन में परिक्रमा मार्ग पुरानी कालिदाहा में है। श्रीधाम एक ऐसा आश्रम है जहां आप ईश्वर से कनेक्ट कर सकते हैं। अपने अंदर शांति का अनुभव करने के लिए आप श्री हित धाम जा सकते हैं। यहां पर अध्यात्म के साथ-साथ योगा सेशन मेडिटेशन सेशन भी होते हैं यहां पर रहने की व्यवस्था है साथ ही स्वास्थ्यवर्धक भोजन भी दिया जाता है जो आपके शरीर और मन मस्तिष्क को शांति का अनुभव करवाता है। 

Premanand Ji Maharaj Biography

नाम प्रेमानंद जी महाराज
निवासवृंदावन आश्रम
भक्ति श्री राधा रानी 
उम्र 60 वर्ष (लगभग)
जन्मआखरी गांव, कानपुर, उत्तर प्रदेश
गुरुश्री हित गोविंद शरण जी महाराज
घर कब छोड़ा मात्र 13 वर्ष की आयु

श्री हित प्रेमानंद महाराज जी के बारें में | Shri Hit Premanad Ji Maharaj

प्रेमानंद महाराज जी बिना किसी परिचय के वृंदावन पहुंचे थे महाराज जी की प्रारंभिक दिनचर्या में वृंदावन परिक्रमा और श्री बांके बिहारी जी के दर्शन। बांके बिहारी जी के मंदिर में उन्हें किस संत ने कहा क्यों नहीं श्री राधाबल्लभ मंदिर भी जाना चाहिए। आपको बता दें जब महाराज जी राधावल्लभ जी के मंदिर पहुंचे तो  महाराज जी राधा वल्लभ जी को निहारते घंटों खड़े रहते। आदरणीय गोस्वामी जी ने इस पर ध्यान दिया और महाराज जी के प्रति उनका स्वाभाविक स्नेह विकसित हो गया जिसके बाद पूज्य श्री हित मोहित कुमार गोस्वामी जी ने राधा सुधा निधि का एक श्लोक उन्हें सुनाया

लेकिन संस्कृत में पारंगत होने के बावजूद महाराज जी इस श्लोक के गहरे अर्थ को नहीं समझ पाए तब गोस्वामी जी ने उन्हें श्री हरिवंश का नाम जपने के लिए कहा, लेकिन महाराज जी इसमें कुछ खास रुझान नहीं दिखा लेकिन अगले ही दिन वृंदावन परिक्रमा के दौरान वे खुद ही श्री हित हरिवंश महाप्रभु की कृपा से उस पवित्र नाम का जप करने लगे और इस पवित्र नाम हरिवंश की शक्ति के कायल हो गए। 

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Shri Hit Premamanad Ji Maharaj

1 दिन सुबह की बात है महाराज जी ने एक सखी को एक श्लोक गाते हुए सुना और वह उसे सुनते सुनते मंत्रमुग्ध हो गए जिसके बाद उन्होंने सखी से इस लोक का अर्थ बताने के लिए कहा के बाद सखी ने मुस्कुराते हुए उन्हें कहा कि अगर वे इस श्लोक का अर्थ जानना चाहते हैं तो उन्हें राधावल्लभ ही बनना होगा। जिसके बाद महाराज जी ने तुरंत उत्साह पूर्वक दीक्षा के लिए पूज्य श्री हित मोहित मराल गोस्वामी जी से संपर्क किया और इस प्रकार गोस्वामी परिकर ने जो भविष्यवाणी की थी उसे साबित कर दिया महाराज जी को शरणागत मंत्र के साथ राधावल्लभ संप्रदाय में दीक्षित किया गया। कुछ दिनों के बाद पूज्य श्री गोस्वामी जी के आग्रह पर महाराज जी अपने वर्तमान सदगुरुदेव से मिले जो सहकारी भाव में सबसे प्रमुख और स्थापित संतो में से एक थे। 

पूज्य श्री हित गौरंगी शरण जी महाराज ने संचारी भाव और नित्य विहार रस में विकसित किया। महाराज जी ने 10 साल तक अपने सदगुरुदेव की करीबी सेवा में रहे। और अपने सद्गुरु की कृपा से जल्द ही वे सर्जरी भाव में पूरी तरह से लीन हो गए और राधा के चरण कमलों की असीम भक्ति करने लगे। और इस तरीके से वे एक सन्यासी से राधा बल्लभ भक्त बन गए। 

प्रेमानंद महाराज के प्रवचन। Premanand Maharaj Pravachan

प्रेमानंद जी महाराज अपने कठिन ताप और अपनी साधना से मिले ज्ञान को लोगों तक पहुंचाते हैं। वे अपने उपदेशों से लोगों को ईश्वर के करीब लाते हैं और श्री चरणों की भक्ति करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उनका कहना है कि जो सुख दुख है यह हमारे पाप और पुण्य कर्मों का फल है अगर हमारे कर्म सही हैं तो हम कहीं भी चले जाएं हम सबको सब जगह आदर की प्राप्ति होगी लेकिन अगर हमारे कर्म बिगड़ गए हैं तो हमारा कोई आधार नहीं करेगा इसलिए कुछ भी कर लो अगर प्रभु का नाम नहीं लोगे तो आपको कहीं शांति नहीं मिलेगी। 

महाराज जी कहते हैं कि ईश्वर की भक्ति करो कभी किसी का दिल ना दुखाओ। इसके साथ ही वह कहते हैं कि कभी झूठ मत बोलो। ऐसे ही कई उपदेश वह उनसे मिलने वालों को देते हैं इसके साथ ही वह लोगों द्वारा अपनी समस्या बताने पर उनका समाधान भी लोगों को बताते हैं। 

प्रेमानंद जी महाराज को सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। उनके प्रवचन सुनकर ऐसा लगता है मानो के उन्हें लगातार सुनते ही रहे। उनके भक्तों द्वारा यह कहा जाता है कि उनकी बातें सुनकर लोगों को अपनी समस्याओं का समाधान मिलता है। 

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FAQ’s Premanand Ji Maharaj Biography

Q. प्रेमानंद महाराज कौन है?

Ans. प्रेमानंद महाराज एक महान संत है।  कई कठिन तप के बाद एक संन्यासी से राधावल्लभ बने हैं। श्री हित राधा जी की भक्ति में लीन रहते हैं।

Q. प्रेमानंद महाराज इतने प्रसिद्ध क्यों हैं?

Ans. प्रेमानंद महाराज लोगों को अपने उद्देश्यों के जरिए एक सरल जीवन जीने में मदद करते हैं। लोग उन्हें सुनना बेहद पसंद करते हैं । आपको बता दें उनकी उम्र 60 वर्ष है और उनकी दोनों किडनी या काम नहीं करती है इसके बावजूद वह बिल्कुल स्वस्थ जीवन जीते हैं। यही उनकी शक्ति का एक बड़ा उदाहरण है। 

Q. प्रेमानंद महाराज का जन्म कहां हुआ? 

Ans. प्रेमानंद महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर के पास एक आखरी गांव में हुआ था। उनका परिवार बेहद गरीब था लेकिन उनके परिवार में काफी धार्मिक माहौल था। 

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